Delhi Yamuna Pollution: राजधानी दिल्ली के ओखला में एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया के चौथे नंबर का वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (WWTP) बनाया जा रहा है. इसमें प्रति दिन 56 करोड़ 40 लाख लीटर सीवेज (564 एमएलडी गंदे पानी का शोधन) को साफ किया जा सकेगा. इस प्लांट का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है और 30 जून तक प्लांट के पूरी तरह से तैयार हो जाने की संभावना जताई जा रही है.
निर्माणाधीन प्लांट के पूरे हुए कार्य का जायजा लेने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सोमनाथ भारती ओखला स्थित इस प्लांट पर पहुंचे. जिसका जायजा लेने के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि इस प्लांट का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इसका 88 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है और अगले महीने 30 जून तक यह प्लांट बन कर तैयार हो जाएगा.
40 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
उन्होंने बताया कि इस प्लांट से सीवरेज के गंदे पानी को यमुना में गिरने से पहले इतना साफ कर दिया जाएगा कि प्लांट के शोधित पानी का इस्तेमाल नहाने में भी किया जा सकेगा. ऐसा करने से यमुना में प्रदूषण की मात्रा में की होगी और धीरे-धीरे उसका पानी साफ बनेगा. बता दें कि, 1,161.17 करोड़ रुपये की लागत से ओखला प्लांट परियोजना का निर्माण व आपग्रेडेशन का काम 19 जून 2019 को शुरू किया गया था. इस डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी में दक्षिण दिल्ली, एनडीएमसी क्षेत्र और दिल्ली के एक बड़े हिस्से का सीवेज शोधित किया जायेगा. इस परियोजना से लगभग 40 लाख लोगों को लाभ मिलने का अनुमान है.
सीवेज को साफ करने के लिए यूवी तकनीक का इस्तेमाल
सोमनाथ भारती ने बताया कि यमुना एक्शन प्लान-3 के तहत विकसित किये जा रहे ओखला प्लांट में सीवेज के पानी को साफ करने के लिए दिल्ली में पहली बार किसी वेस्ट वाटर प्लांट में यूवी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तकनीक का इस्तेमाल आमतौर से आरओ प्लांट में पानी को पीने योग्य बनाने के लिए किया जाता है. प्लांट के डिजाइन में भी बदलाव कर अलग तरह के डिजाइन का इस्तेमाल किया गया है.