Delhi News: दिल्ली में दिवाली पर पटाखों से जलने की 100 घटनाएं, सफदरजंग हॉस्पिटल में आए 50 मामले
Diwali 2021: राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के मौके पर पटाखों से जलने की कम से कम 100 घटनाएं विभिन्न अस्पतालों में दर्ज की गई हैं. अस्पताल के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
Diwali in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के मौके पर पटाखों से जलने की कम से कम 100 घटनाएं विभिन्न हॉस्पिटलों में दर्ज की गई हैं. हॉस्पिटल के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सफदरजंग हॉस्पिटल देश में जलने का इलाज करने के लिए सबसे बड़ी ईकाई है जहां पर 50 मामले आए हैं. इनमें से 43 मरीज हल्के (20 प्रतिशत से कम) जले थे और उनका बर्हिगमन रोगी विभाग के मरीज के तौर पर इलाज किया गया, जबकि अधिक जले सात मरीजों (20 प्रतिशत से अधिक जले) को भर्ती किया गया है.
सफदरजंग हॉस्पिटल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया, ‘‘जिन सात मरीजों को भर्ती किया गया है, उनमें से पांच दिया से जले हैं जबकि दो पटाखों से जलने का मामला है. पांच मरीजों का ऑपरेशन किया गया. इनमें से चार मरीजों की उम्र 12 साल से कम है.’’ वहीं, तीन नवंबर को हल्के जलने के 12 मामले इस हॉस्पिटल में आए थे. डॉक्टर ने बताया, ‘‘पिछले साल की तुलना में इस साल जलने के कारण आने वाले मरीजों की संख्या दोगुनी थी जिसकी वजह लोगों में कम मामलों के मद्देनजर कोविड-19 को लेकर कम भय हो सकता है.’’ इसी प्रकार राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) हॉस्पिटल में जलने के 23 मरीज आए जिनमें से 19 पटाखों से जले थे जबकि बाकी दिये से जले थे. इनमें से दो मरीजों को भर्ती किया गया है.
इन डॉक्टरों ने मरीजों की संख्या के बारे में दी जानकारी
आरएमएल हॉस्पिटल के बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ.मनोज झा ने बताया, ‘‘अधिकतर मामलों में चेहरा और हाथ जला है. इनमें बच्चों की संख्या अधिक है.’’ दिल्ली एम्स से संबद्ध डॉ.राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र में गत दो दिनों में पटाखों से जलने के 33 मरीज आए हैं. इनमें से 18 मरीजों को सर्जरी और आगे के इलाज के लिए भर्ती किया गया है. केंद्र के प्रमुख डॉ.जे एस तितियाल ने बताया कि इनमें अधिकतर पुरुष मरीज है. दिल्ली सरकार के सबसे बड़े हॉस्पिटल एलएनजेपी में जलने के कम से कम छह मामले आए हैं. हॉस्पिटल ने बताया कि इनमें से दो मरीजों की उम्र क्रमश: छह और नौ साल है जिन्हें पटाखे से गंभीर चोटें आई हैं. इसी तरह के मामले दिल्ली के अन्य हॉस्पिटलों में भी आए हैं.
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