Lok Sabha Elections: चुनाव आयोग के नोटिस पर AAP नेता आतिशी की प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?
Atishi Election Commission: दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने सवाल के लहजे में पूछा कि क्या चुनाव आयोग बीजेपी का अनुषांगिक संगठन बन गया है?
Atishi on Election Commission Notice: दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने चुनाव आयोग की ओर से जारी नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. आतिशी ने कहा कि चुनाव आयोग ने मेरी एक प्रेस कांफ्रेंस पर मुझे नोटिस भेजा है, यह बीजेपी की 4 अप्रैल की शिकायत पर आधारित है. 5 अप्रैल को 11 बजे चैनल्स पर खबर आ जाती है कि आतिशी को नोटिस भेजा गया है, लेकिन उसके आधे घंटे बाद मुझे मेल पर नोटिस आता है. यानी चुनाव आयोग पहले मीडिया में नोटिस प्लांट करता है फिर नोटिस मुझे मिलता है.
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, ''मेरा सवाल है कि क्या चुनाव आयोग बीजेपी का अनुषांगिक संगठन बन गया है?
जब एक राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक और सीटिंग सीएम को गिरफ्तार कर लिया जाता है. एक प्रमुख विपक्षी दल का खाता सीज किया जाता है. जब लेफ्ट पार्टी को पुराने मामले में इनकम टैक्स का नोटिस आता है.
चुनाव आयोग के नोटिस पर आतिशी की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी की नेता और मंत्री आतिशी ने आगे कहा, ''चुनाव आयोग राज्यों के अधिकारी बदल देता है लेकिन जब विपक्षी दल उनसे मांग करते हैं कि चुनाव के दौरान इनकम टैक्स ED आदि की कार्रवाई बंद कराई जाए तो कोई सुनवाई नहीं होती. गुलाब सिंह के यहां छापे के बाद हमने 23 अप्रैल को चुनाव आयोग को लिखा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमारे पार्टी दफ़्तर को चार दिन तक सील रखा गया, हमने 26 अप्रैल को चुनाव आयोग को लिखा लेकिन हमें समय तक नहीं मिला.
'लेवल प्लेइंग फ़ील्ड देना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी'
आप नेता आतिशी ने ये भी कहा कि हमने बीजेपी के इलीगल होर्डिंग को लेकर 29 मार्च, 1 अप्रैल और आज (5 अप्रैल) को भी शिकायत भेजी है लेकिन उस पर चुनाव आयोग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा, ''चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है लेवल प्लेइंग फ़ील्ड देना लेकिन आज देश की संस्थाएं बीजेपी के सामने नतमस्तक हैं. चुनाव आयोग को संविधान में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. तीनों चुनाव आयुक्त, राजीव कुमार, ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधु जी, आप टीएन सेशन के उत्तराधिकारी हैं. अगर आज आप फ्री एंड फ़ेयर चुनाव नहीं कराएंगे तो चुनाव आयोग को इतिहास ग़लत तरीक़े से याद रखेगा.''
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