Atishi On BJP: दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में रविवार (6 अक्टूबर) को आयोजित 'जनता की अदालत' में मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि मैं आपको याद दिलाना चाहती हूं कि दस साल पहले की दिल्ली कैसी होती थी? इस तपती गर्मी में तब लंबे पावर कट हुआ करते थे. बिजली के महंगे बिल आया करते थे.


2014 तक की गर्मी में दिल्ली में आठ-आठ घंटों के पावर कट लगते थे. बड़े-बड़े बिजली के बिल आते थे. मिडिल क्लास तक के लोगों के पास बिल देने के पैसे नहीं होते थे. सरकारी स्कूलों में न बैठने की टेबल कुर्सी होती थी, न पढ़ाने को टीचर होते थे. 


उन्होंने कहा कि यही हाल सरकारी अस्पतालों की थी. दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल थीं.  लोग अपने जेवर गिरवी रखकर अपने बीमार परिजनों का इलाज कराते थे.  






'दिल्ली वालों के दर्द को समझते हैं केजरीवाल'


आतिशी ने कहा, "उस समय दिल्ली ना सीवर था, ना सड़कें थीं, ना पार्कों की व्यवस्था थी. साल 2015 में दिल्ली में एक चमत्कार हो गया. दिल्ली वालों ने अपने बेटे, भाई तथा आम आदमी की आवाज उठाने वाले अरविंद केजरीवाल को प्रचंड बहुत से सीएम बनाया. लोगों ने ऐसा इसलिए किया कि वो दिल्ली वालों के दर्द को समझते हैं."


दिल्ली में 10 हजार मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया गया. उन्होंने कहा, "शनिवार को इस मसले पर बीजेपी की गंदी राजनीति एक्सपोज हो गई. मैं, पूंछती हूं, इनके बच्चे बीसीसीआई के चेयरमैन बनें और हमारे बच्चे बस में मार्शल भी न बनें, यह कैसे हो सकता है." 


'बीजेपी गरीब विरोधी पार्टी'


आतिशी ने बीजेपी को गरीब विरोधी पार्टी है. बीजेपी की केंद्र सरकार दिल्ली एक-एक कर गरीबों की झुग्गियों को तोड़ रही है. गरीब विधवाओं की पेंशन रोक दी. दिल्ली वालों को परेशान करने पर उतारू है. बीजेपी वालों ने बस मार्शलों की नौकरी छीन ली.


सीएम आतिशी ने लोगों से कहा कि सत्ता में पार्टियां आती हैं, जाती हैं, लेकिन लोगों को जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आता. अरविंद केजरीवाल आम आदमी की परेशानी को समझते हैं. उन्होंने दिल्ली के एक-एक लड़के की समस्याओं का समाधान किया. 
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