Atishi Health Update: दिल्ली की जल मंत्री आतिशी की पानी के लिए किए गए अनशन के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आतिशी इमरजेंसी आईसीयू में भर्ती हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को एलएनजेपी अस्पताल में पहुंचकर आतिशी से मुलाकात की और उनका हाल जाना. 


इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा, "मैं आज उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने आया था. आतिशी दिल्ली के जनता के लिए हमेशा लड़ती रही हैं. मैं मुख्यमंत्री रहा हूं, तकलीफ जानता हूं. केंद्र की सरकार जबसे बनी है, तब से मुख्यमंत्रियों के साथ बड़ी दिक्कत हो रही है.  अरविंद केजरीवाल जनता के लिए काम करना चाहते हैं. बीजेपी वाले अरविंद केजरीवाल को बाहर निकलने देना नहीं चाहते. बीजेपी सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है. इस बार बीजेपी बच गई नहीं तो सफाया हो गया होता."


मंगलवार को खत्म हुआ आतिशी का अनशन


गौरतलब है कि पानी की किल्लत के बीच दिल्ली के लिए पानी छोड़ने की मांग को लेकर जल मंत्री आतिशी का अनिश्चितकालीन अनशन मंगलवार तड़के उनकी सेहत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराये जाने की वजह से समाप्त हो गया था. दिल्ली सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहीं आतिशी को लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के आपातकालीन आईसीयू (सघन चिकित्सा इकाई) में भर्ती कराया गया और उनकी हालत अब स्थिर है. वहीं चिकित्सकों ने कहा है कि उन्हें ठीक होने में कुछ दिन लगेंगे.


आतिशी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन वह आईसीयू में हैं. वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘‘शर्करा स्तर गिरने और उनके पेशाब जांच में कीटोन की मौजूदगी का पता चलने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई थी. उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया था.’’


डॉक्टर ने आतिशी के हेल्थ को लेकर और क्या बताया?


डॉ. सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘हालांकि, आधी रात को उनकी हालत बिगड़ने लगी और सुस्ती आने लगी, जिसके बाद उन्हें भर्ती कराया गया. फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है. उनके खून की जांच की गई है और मानक सही हैं.’’ चिकित्सक ने बताया कि उन्हें पानी दिया जा रहा है और वह अंतःशिरा उपचार (इन्ट्रावेनस थेरेपी) पर हैं. उनका शर्करा स्तर कम होकर 36एमजी/डीएल पर पहुंच गया था.


शर्करा स्तर में तीव्र गिरावट के परिणामों की व्याख्या करते हुए सुरेश कुमार ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का शर्करा स्तर 50 एमजी/डीएल से नीचे चला जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. आतिशी ने अनशन 21 जून से शुरू किया था.