Delhi के सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर में भ्रष्टाचार का आरोप, आतिशी ने दिए जांच के आदेश, CVO को लिखी चिट्ठी
Sardar Patel Covid Care Center: दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा लगता है की याचिका करता फर्म और जीएनसीटीडी के वरिष्ठ अधिकारियों की इस मामले में मिलीभगत की है.
Delhi News: दिल्ली सरकार की विजिलेंस मंत्री आतिशी (Atishi) ने सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर (Sardar Patel Covid Care Center) में भ्रष्टाचार (Corruption) का आरोप लगने और विभागीय अधिकारियों की रिपोर्ट को देखते हुए इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि ऐसा लगता है की याचिका करता फर्म और जीएनसीटीडी के वरिष्ठ अधिकारियों की इसमें मिलीभगत है. कोविड सेंटर बनाने के दौरान बरती गई लापरवाही से संदेह पैदा होता है कि अधिकारियों ने संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए निविदा जारी होने से पहले फर्म से रिश्वत हासिल की होगी.
दरअसल, कोरोना के दौरान दिल्ली के छत्तरपुर में राधा स्वामी सत्संग व्यास कोविड केयर सेंटर बनाया गया था, जिसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. इस मामले में जांच को लेकर मंत्री आतिशी ने 25 सितंबर को एक आदेश जारी किया था. चीफ सेक्रेटरी और चीफ विजिलेंस अधिकारी (Chief Vigilance Officer) को जारी पत्र में कहा गया है कि बिना टेंडर अलॉट हुए ही राधा स्वामी सत्संग व्यास में कोविड केयर सेंटर बनाने का काम जारी था.
भ्रष्टाचार स्वीकार्य नहीं
केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने चीफ विजिलेंस अधिकारी (CVO) को निर्देश दिया है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी प्राथमिकता के स्तर पर जांच की जाए. भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों की पहचान हो और इस मामले में डिटेल रिपोर्ट दी जाए. ताकि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सके. पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि ये कृत्य सुशासन के लिए पूरी तरह से प्रतिकूल हैं, जिन्हें किसी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
हाईकोर्ट ने दिए थे ये आदेश
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली के मुख्य सचिव को सरदान सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर में एयर कंडीशनिंग सिस्टम स्थापित करने में शामिल कंपनी के वैधानिक बकाया के मुद्दे को देखने का निर्देश जारी किया था. हाईकोर्ट से निर्देश प्राप्त होने के बाद दिल्ली सरकार के तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति ने 10 अप्रैल को एक रिपोर्ट में बताया था कि कोविड सेंटर के निर्माण की पूरी प्रक्रिया में कुछ विसंगतियां सामने आई है, जिसमें फॉर्म और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है. यह एक गंभीर मसला और इसकी जांच होनी चाहिए.
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