Atishi On Delhi Schools: दिल्ली की मंत्री आतिशी ने गुरुवार (8 अगस्त) को कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार यहां के सरकारी स्कूलों में छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. अगर देश में कोई राज्य सरकार है जो अपने बजट का 25% शिक्षा के लिए आवंटित करती है, तो वह अरविंद केजरीवाल सरकार है.
उन्होंने आरोप लगाया कि इनके विकास के काम को देखकर केंद्र ने सीएम केजरीवाल को जेल में डाल दिया है. उन्होंने कहा, ''केंद्र सरकार चाहे सीएम केजरीवाल को, मनीष सिसोदिया को जेल में डाल दे लेकिन दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम जारी है और रहेगा.''
दिल्ली की मंत्री ने कहा, ''पूरे देश में अरविंद केजरीवाल की इकलौती सरकार है, जो अपने बजट का 25 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर लगाती है. सभी जानते हैं कि देशभर में सरकारी स्कूलों का क्या हाल है. बच्चों को पढ़ने के लिए क्लासरूम नहीं हैं. क्लासरूम है तो बैठने के लिए बेंच नहीं है. बरसात का मौसम आता है तो कमरों में पानी टपकता है. स्कूलों में टॉयलेट नहीं है, पानी और बिजली नहीं है.''
उन्होंने कहा, ''दिल्ली के सरकारी स्कूलों को भी साल 2015 से पहले यही हाल था. दिल्ली में भी क्लासरूम नहीं होते थे, बेंच नहीं होते थे. दिल्ली के कई हिस्सों में कुछ ऐसे स्कूल थे, जहां एक क्लासरूम में 150 बच्चे पढ़ते थे. इस तरह से आप कैसे हाई क्वालिटी का एजुकेशन दे सकते हैं. अगर भगवान भी आकर उन बच्चों को पढ़ाने की कोशिश करते तो शायद अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते.''
आतिशी ने कहा, ''सीएम अरविंद केजरीवाल जी ने ठान लिया था कि वो दिल्ली के हर बच्चे को चाहे वो अमीर परिवार से हो या गरीब परिवार से हों, उन्हें हाई क्वालिटी की शिक्षा देंगे. प्राइवेट स्कूल के बराबर सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा देंगे. 2015 से दिल्ली के सरकारी स्कूलों को वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर देने की कवायद शुरु हुई.''
उन्होंने कहा, '' 2015 तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कुल मिलाकर 24 हजार कमरे थे. इसका मतलब क्या हुआ? इसका मतलब ये हुआ कि 1947 जब हमारा देश आजाद हुआ, तब से लेकर आजतक किसी की भी सरकारें रही, लेकिन उन्होंने सिर्फ 24 हजार कमरे बनवाए. दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 2015 से 2024 के बीच 22 हजार 711 कमरे सरकारी स्कूलों में बनाए.''
दिल्ली की मंत्री ने आगे कहा, ''दिल्ली के स्कूलों में ना सिर्फ कमरे बनाए बल्कि वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर दिया. आज आप सरकारी स्कूलों को देखिए तो वो प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ देते हैं. सरकारी स्कूलों में स्मार्ट बोर्ड, बढ़िया लैब, लाइब्रेरी, अच्छे डेस्क हैं. आज सरकारी स्कूलों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर पा रहे हैं. इसे युद्धस्तर पर अभी भी बढ़ाया जा रहा है. दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में 14 नए स्कूल बन रहे हैं.''
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