Delhi News: दिल्ली सरकार और राजनिवास के बीच सेवा विभाग के मसले पर नये सिरे से विवाद शुरू हो गया है. सेवा विभाग की मंत्री आतिशी (Atishi) की ओर से उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) द्वारा डीएएसएस काडर (DASS Cadre) के पुनर्गठन करने पर गंभीर आपत्ति जताने के बाद इसकी शुरुआत सरकार हुई है. आतिशी ने एलजी के फैसले को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के आदेश और जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम 2023 (GNCTD Amendment Act 2023) का पूरी तरह से उल्लंघन बताया है. दिल्ली सेवा विधेयक का कानून बनने के बाद यह पहला मामला है जब सेवा विभाग को लेकर दोनों एक-दूसरे के आमने सामने आ गए हैं. 


दरअसल, दिल्ली सरकार में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली प्रशासन अधीनस्थ सेवा डीएएसएस काडर के पुनर्गठन की मांग लंबे समय से कर रहे थे. एलजी ने अधिकारियों की ओर से पुनर्गठन को लेकर लंबित बहुप्रतीक्षित मांग पर अमल करने की मंजूरी दी है, जिस पर सेवा विभाग की मंत्री ने आपत्ति जताई है. 


LG का ताजा आदेश दुर्भाग्यपूर्ण


एलजी वीके सक्सेना को 20 अगस्त को लिखे अपने पत्र में आतिशी ने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के फैसले और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) संशोधन अधिनियम 2023 का हवाला देते हुए इस कदम पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगी कि यह घटनाक्रम बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि आपकी मंजूरी संविधान पीठ के 11 मई, 2023 के फैसले के साथ-साथ जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम, 2023 का पूरी तरह से उल्लंघन है. फिलहाल, मंत्री की टिप्पणियों और दावों पर उपराज्यपाल कार्यालय से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.


बता दें कि दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग सहित कई पहलुओं पर दिल्ली सरकार और राजनिवास के बीच लंबे अरसे से विवाद चल रहा है. सेवा विभाग के कामकाज को लेकर आतिशी सुप्रीम कोर्ट का हवाला देती हैं, तो राजनिवास संसद द्वारा पारित कानूनों के तहत मिले अधिकार की बात कर अपने फैसले का जायज ठहराते हैं. 


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