Delhi: राहत राशि आवंटन में लेटलतीफी पर आतिशी का फरमान, छुट्टी के दिन भी जिम्मेदार अधिकारी करें काम
Delhi Floods Relief Fund: अभी तक राहत शिविरों में रहने वाले 4,716 प्रभावित परिवार में से केवल 197 परिवार को दिल्ली सरकार द्वारा स्वीकृत अनुग्रह राशि के 10,000 रुपये मिले हैं.
Delhi News: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और नौकशाहों के बीच टकराव शनिवार को उस समय फिर सामने आ गया, जब राष्ट्रीय राजधानी की राजस्व मंत्री आतिशी बाढ़ राहत राशि के आवंटन में विलंब की वजह से मुख्य सचिव नरेश कुमार पर भड़क गईं. आतिशी ने मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि बाढ़-प्रभावित लोगों को अनुग्रह राशि आवंटित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए शनिवार और रविवार को भी सभी अधिकारी काम करें. ताकि उनके बैंक खातों में सोमवार को पैसा स्थानांतरित किया जा सके.
इस घटना के बाद दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आतिशी ने अपने बयान में कहा कि राजस्व मंत्री बाढ़ सहायता देने की लचर प्रक्रिया को लेकर मुख्य सचिव की खिंचाई की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजस्व मंत्री को शुक्रवार शाम को राहत के रूप में बांटी गई राशि के संबंध में ‘मौखिक जानकारी’ दी गई. जानकारी के मुताबिक करीब चार हजार बाढ़ पीड़ित परिवारों को अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिनमें से करीब 2500 परिवारों के सत्यापन का कार्य पूरा हो चुका है. 1500 परिवारों को अब भी सत्यापित करने का काम बाकी है.
नाराजगी की है ये वजह
आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को भेजे एक ‘नोट’ में कहा कि राहत राशि के वितरण के लिए बुलाई गई राजस्व विभाग की बैठक के दौरान वह यह जानकर ‘‘हैरान हो गईं’’ कि राहत शिविरों में रहने वाले 4,716 प्रभावित परिवार में से केवल 197 परिवार को राहत के तौर पर दिल्ली सरकार द्वारा स्वीकृत अनुग्रह राशि के 10,000 रुपये अभी तक मिले हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट द्वारा बाढ़ प्रभावित परिवारों को 10,000 रुपये देने के फैसला लिये 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन इन 10 दिनों में छह डीएम, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और 18 एसडीएम के साथ 19 आईएएस और 18 दानिक्स अधिकारी मात्र 4,716 परिवार को यह राहत पैकेज देने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाए पाए. बाढ़ राहत एवं पुनर्वास कार्यों में लगाए गए अधिकारियों की संख्या के मद्देनजर हर अधिकारी को 70 परिवार को राहत मुहैया करानी थी. इसका अर्थ है कि उन्हें प्रतिदिन सात परिवार को राहत मुहैया करानी थी और यह भी नहीं किया जा सका.
आतिशी ने कहा कि इस प्रकार का ढीला रवैया बिल्कुल चौंकाने वाला है. उन्होंने सवाल किया कि यदि ये अधिकारी आपातकाल और आपदा के समय में ऐसी ढिलाई दिखा रहे हैं, तो सामान्य कार्यदिवस में वे क्या करते होंगे. मंत्री ने अधिकारी को सोमवार शाम छह बजे तक आवंटित धन के संदर्भ में उन्हें और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक स्थिति रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया. इससे पहले, शुक्रवार को ‘आप’ सरकार और प्रधान सचिव गृह अश्विनी कुमार के बीच राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की बैठक स्थगित करने को लेकर टकराव हुआ था. आप मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने एक नाले के रेगुलेटर में दरार आने के बाद मरम्मत के लिए सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तैनाती को लेकर भी प्रमुख सचिव गृह पर निशाना साधा था. इस रेगुलेटर में दरार के कारण यमुना का पानी आईटीओ क्षेत्र में भर गया था.
सबसे ज्यादा लंबित दावे पूर्वी दिल्ली के
बता दें कि दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने 15 जुलाई को वरिष्ठ आईएएस और दानिक्स अधिकारियों को बचाव, राहत और पुनर्वास कार्यों में छह बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के जिला अधिकारियों की मदद करने और इन कार्यों की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सबसे अधिक लंबित दावे पूर्वी दिल्ली में है, जहां पर बाढ़ प्रभावितों की संख्या सबसे अधिक है. बताया जा रहा है कि वहां सत्यापन में थोड़ा अधिक समय लग रहा है. विभागीय जानकारी के मुताबिक सत्यापन की प्रक्रिया रविवार तक पूरी हो जाएगी और राशि आवंटित करने और प्रभावित के खातों में रुपये भेजने की प्रक्रिया मंगलवार तक पूरी कर ली जाएगी.