Delhi Shelter Home Death Case: देश की राजधानी दिल्ली के रोहिणी में मेंटली चैलेंज लोगों के लिए बने शेल्टर होम (आशा किरण) में एक महीने में 14 लोगों की मौत मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस घटना को दिल्ली सरकार ने गंभीरता लिया है. दिल्ली सरकार में राजस्व मंत्री आतिशी ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए है. उन्होंने इसकी रिपोर्ट 48 घंटे में देने को कहा है. साथ ही कहा है कि अगर यह सूचना सही है तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. 


दिल्ली के रोहिणी शेल्टर होम में 14 मौत के मामले की मजिस्ट्रियल जांच का आदेश देते हुए मंत्री आतिशी ने लिखा है कि मीडिया रिपोर्ट्स से जानकारी मिली है कि दिल्ली के रोहिणी स्थित ‘आशा किरण होम’ (मानसिक रूप से विकलांगों के लिए) में एक महीने में 14 मौत हुई हैं.


कैसे हुई इतनी मौतें


ये मौतें कथित तौर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और कुपोषण के कारण हुई हैं. यह दर्शाता है कि इन बच्चों को अपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. अगर ऐसा था, तो ये बातें अभी तक सामने क्यों नहीं आईं?


14 मौतें बर्दाश्त के काबिल नहीं 


दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में ऐसी बुरी खबर सुनना बहुत चौंकाने वाला है. अगर यह सच पाया जाता है तो हम इस तरह की चूक बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और इसकी गहन जांच की जानी चाहिए.


बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी स्थित मानसिक रूप से विकलांग आशा किरण दिल्ली सरकार भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में भी रोहिणी में मानसिक रूप से विकलांग आशा किरण गृह की स्थिति को खराब बताया गया था. एचटी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2001 से लेकर अब तक 2017 इस गृह में 600 से अधिक मौतें हुई थी. साल 2015 की सीएजी रिपोर्ट के अनुसार इस गृह में 350 की क्षमता के मुकाबले 900 से अधिक बच्चे रह रहे थे. 


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