Electoral Bonds: चुनावी बॉन्ड पर रोक के बाद आतिशी बोलीं- 'पारदर्शिता तय करने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बड़ा कदम'
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड स्कीम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश का मंंत्री आतिशी ने स्वागत किया है. चुनावी पारदर्शिता के मामले में यह फैसला बड़ा कदम है.
Delhi News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा गुरुवार (15 फरवरी) को चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) स्कीम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश के बाद दिल्ली सरकार मंत्री आतिशी (Atishi) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, "हम चुनावी बांड पर फैसले का स्वागत करते हैं. यह चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है."
बता दें कि लंबे अरसे से विरोधी दलों के नेता चुनावी बॉन्ड के जरिए मिलने वाले पैसे की पारदर्शिता को लेकर शिकायत करते आ रहे थे. गुरुवार को उसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैला सुना दिया. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले के तहत चुनावी बॉन्ड पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार दिया है. साथ ही इसे सूचना अधिकार का उल्लंघन भी बताया है. सुप्रीम कोर्ट की पांच 5 जजों की पीठ ने एसबीआई को अप्रैल 2019 से अब तक मिले चंदे की पूरी जानकारी 6 मार्च तक चुनाव आयोग को मुहैया कराने का आदेश भी दिया है.
VIDEO | Here's what Delhi minister Atishi (@AtishiAAP) said on Supreme Court's judgement on Electoral Bonds.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 15, 2024
"We welcome the decision on Electoral Bonds. This is a big step in ensuring transparency in election funding," she said.
(Full video available on PTI Videos -… pic.twitter.com/qKAuZgb7mp
अंधेरे में उजाले की किरण
वहीं, चुनाव बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंधेरे में उजाले की किरण की तरह है. कांग्रेस शुरू से इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के खिलाफ थी.” उन्होंने ये भी कहा कि राजनीतिक दलों को मिले चंदे को लेकर लोगों को जानने का अधिकार है. स्टेट बैंक आफ इंडिया इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करे. इलेक्टोरल बॉन्ड का 95% चंदा 5200 करोड़ रुपये अकेले भारतीय जनता पार्टी को मिला.