Delhi Education News: 90% छात्रों के फेल होने के आरोपों पर आतिशी का पलटवार, कहा- बच्चों को मिल रही शानदार शिक्षा से BJP को है 'नफरत'
Delhi Education Minister Challenge BJP: आतिशी ने बीजेपी को खुली चुनौती दी है कि झूठ बोलने के बदले ये बताएं कि दिल्ली में वो स्कूल कौन है जहां 90 फीसदी बच्चे फेल हुए हैं.
Delhi education Model: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बीजेपी को खुली चुनौती दी है कि वह एक भी ऐसा स्कूल बताएं जहां 90 फीसदी बच्चे फेल हुए हों. उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेताओं को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिल रही शानदार शिक्षा से नफरत है. इसलिए, झूठे और मनगढ़ंत बातें करते रहते हैं. बीजेपी नेता नहीं चाहते कि दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले. बीजेपी शासित राज्यों में सरकारी स्कूल टीन शेड में चलते हैं और पढ़ाई भी नहीं होती है. जबकि दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर बच्चे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले रहे हैं.
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि अगर बीजेपी के नेता पढ़े-लिखे होते तो वे सरकारी आदेश को पढ़ पाते और समझ पाते कि यह एक साधारण रिचेकिंग की प्रक्रिया है जो हर साल होती है. उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि वो पूरी दिल्ली में एक भी स्कूल ऐसा दिखा दे जहां पर 90 फीसदी से ज्यादा बच्चे फेल हो गए हैं. एक से लेकर 12वीं तक किसी भी क्लास में ऐसा हुआ है तो दिखा दें. बीजेपी झूठे आरोप लगाने से बाज आए. दिल्ली सरकार सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकारी स्कूलों में बच्चों को शानदार शिक्षा देने का काम कर रही है. दिल्ली सरकार के स्कूलों में इतनी शानदार पढ़ाई हो रही है कि प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर बच्चे यहां एडमिशन ले रहे हैं.
बीजेपी नेताओं को नहीं है इस बात की समझ
शिक्षा मंत्री आतिशी सिंह ने कहा कि पूरे देश को पता है कि बीजेपी कितने पढ़े लिखे हैं? अगर उन्होंने आदेश पढ़ा होता तो उनको पता होता कि यह एक साधारण रिचेकिंग की प्रक्रिया है जो हर साल होती है. परीक्षा की प्रक्रिया में छात्रों के मार्क्स को कॉपी से रजिस्टर में दर्ज किया जाता हैं, उसके बाद रजिस्टर से ऑनलाइन अपलोड किए जाते हैं. यह हर स्कूलिंग और यूनिवर्सिटी सिस्टम में प्रक्रिया होती है कि एग्जाम और कंपार्टमेंट एग्जाम के मार्क्स एक प्रक्रिया के तहत एक बार चेक किया जाता है कि कहीं गलत मार्क्स तो अपलोड नहीं हो गए, कहीं प्रैक्टिकल के मार्क्स छूट तो नहीं गए हैं, कहीं इंटरनल एसेसमेंट के मार्क्स तो छूट नहीं गए. आतिशी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि क्या बच्चों के मार्क्स को दोबारा चेक करना गलत है. अगर अपलोड करने में कोई गलती हो गई हो तो क्या उसे ठीक करना गलत है. क्या बच्चों का कंपार्टमेंट का एग्जाम लेना गलत है. अगर ये सब चीजें गलत है तो फिर हम दोषी हैं.
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