Delhi News: दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी (Atishi) ने दिल्ली बिजली नियामक आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष न्यायमूर्ति उमेश कुमार (Justice Umesh Kumar) को पत्र लिख कर उन्हें तीन अथवा चार जुलाई को पद की शपथ लेने का अनुरोध किया है. इससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस सप्ताह की शुरुआत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा था और न्यायमूर्ति कुमार को पद की शपथ दिलाने में हो रही अनावश्यक देरी का जिक्र करते हुए कहा था कि इसमें अब और देरी नहीं की जानी चाहिए. बता दें कि न्यायमूर्ति कुमार को 21 जून को डीईआरसी (DERC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उसी दिन उक्त पत्र आतिशी को भेज दिया था और उनसे शपथग्रहण जितना जल्दी संभव हो आयोजित करने का आग्रह किया था. न्यायमूर्ति कुमार को लिखे पत्र में आतिशी ने भ्रम की स्थिति के लिए बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया. दरअसल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुमार ने विभाग को एक पत्र लिखा था कि उन्हें सूचित किया गया था कि मंत्री 29 जून के बाद दिल्ली में मौजूद नहीं रहेंगी. इसलिए वह दिल्ली आए थे. उन्होंने पत्र में कहा कि चूंकि आतिशी 26 से 28 जून के बीच दिल्ली में थीं इसलिए वह पद की शपथ लेने के लिए उन तारीखों में मौजूद थे.
शपथ न होना दुर्भाग्यपूर्ण घटना
पूर्व जस्टिस उमेश कुमार ने कहा कि दुर्भाग्य से दिल्ली की बिजली मंत्री इन तीन दिनों में शपथ के लिए वक्त नहीं निकाल पाईं. मैं यह कहने के लिए विवश हूं कि इस पूरे मामले में पेशेवर रुख अपनाया जा सकता था और इससे बेवजह दिल्ली आने जाने से बचा जा सकता था. न्यायमूर्ति कुमार के इस पत्र के जवाब में आतिशी ने लिखा कि उन्होंने बिजली विभाग को उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासात्मक कार्रवाई करने को कहा है जिनकी वजह से गलतफहमी हुई. आतिशी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि ऊर्जा विभाग ने मेरे निर्देशों के बिना अथवा मेरी मौजूदगी की जानकारी लिए बिना ही आपको शपथ लेने के लिए वक्त निकालने को कह दिया. वास्तव में अगर ऊर्जा विभाग ने आपसे संपर्क करने से पहले मेरी मौजूदगी के बारे में जानकारी ली होती तो ऐसा कभी नहीं होता.
पहले उमेश कुमार की नियुक्ति को बताया था असंवैधानिक
आतिशी ने इससे पहले उप राज्यपाल को पत्र लिख कर कहा था कि न्यायमूर्ति कुमार की नियुक्ति स्पष्ट रूप से अवैध और असंवैधानिक है. उन्होंने कहा था कि संवैधानिक अस्थिरता से बचने के लिए वह न्यायमूर्ति कुमार को पद की शपथ दिलाएंगी. दरअसल, दिल्ली सरकार ने इस पद के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश आरके श्रीवास्तव के नाम की सिफारिश की थी लेकिन न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने पारिवारिक प्रतिबद्धताओं के कारण कार्यभार संभालने में असमर्थता व्यक्त की थी. बाद में दिल्ली सरकार ने राजस्थान उच्च न्यायालय के रिटायर जज संगीत राज लोढ़ा की 21 जून को सहमति प्राप्त की थी लेकिन केंद्र सरकार ने उसी शाम न्यायमूर्ति कुमार के नाम को अधिसूचित कर दिया था.
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