Atishi Letter To Haryana CM: यमुना के पानी को लेकर हरियाणा और दिल्ली सरकार के बीच पिछले कुछ दिनों से आरोप प्रत्यारोप जारी है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है. इस बीच दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी ने राष्ट्रीय राजधानी में पेयजल संकट को देखते हुए हरियाणा के सीएम को एक चिट्ठी लिखी है. उन्होंने सीएम से दिल्ली में अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग की है. ताकि दिल्ली वालों को पानी की समस्या से निजात मिल सके. 


जल मंत्री आतिशी ने लिखा है कि यह पत्र हरियाणा द्वारा यमुना नदी में पानी नहीं छोड़ने के मुद्दे पर आपकी ओर सेस तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए लिख रही हूं. मैंने स्वयं आपको कई पत्र भेजे हैं. दुर्भाग्य से मुझे इसके जवाब में एक भी पत्र नहीं मिला. उन्होंने आगे लिखा है, 'जैसा कि आप जानते हैं, दिल्ली अपनी दिन-प्रतिदिन की जरूरतों के लिए यमुना के पानी पर निर्भर है. पिछले कुछ दिनों से, हरियाणा मुनक नहर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं छोड़ रहा है. इसका नतीजा यह हुआ कि दिल्ली में रहने वाले लोग पानी की समस्या से परेशशन हैं.'






दिल्ली को 1050 क्यूसेक पानी पाने का हक


उन्होंने दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल सरकार के बीच मई 2018 ऊपरी यमुना नदी बोर्ड की 53वीं बैठक में संपन्न समझौते का हवाला देते हुए कहा कि सीएलसी और डीएसबी नहरों के माध्यम से मुनक में दिल्ली को लगभग 1050 क्यूसेक (यानी 568 एमजीडी) आवंटित किया गया था. इसे दिल्ली द्वारा बवाना संपर्क बिंदु पर मापा जाता है, जहां से पानी दिल्ली में प्रवेश करता है. 


पानी की आपूर्ति में कमी क्यों?


बवाना संपर्क बिंदु पर दिल्ली द्वारा प्रवाह मीटर लगाए गए हैं. इन प्रवाह मीटरों की जांच पिछले सप्ताह ही अपर यमुना नदी बोर्ड के प्रतिनिधियों द्वारा की गई है. औसतन बवाना संपर्क बिंदु पर 980 से 1030 क्यूसेक के बीच पानी मिल रहा है. पिछले 5 वर्षों का डेटा इस पत्र के साथ संलग्न है. हालांकि, पिछले एक सप्ताह में इसमें भारी कमी देखी गई है. ऐसा क्यों हो रहा है?


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