Delhi Latest News: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने 10 हजार बस मार्शलों की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक बार फिर चिट्ठी लिखी है. सीएम ने अपनी चिट्ठी में बताया है कि दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर को मार्शल्स को फिर से ड्यूटी पर रखने का प्रस्ताव आपके पास भेजा था. यह मामला आपके पास तभी से लंबित है.
सीएम आतिशी ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि इस प्रस्ताव को अभी तक आपकी ओर से मंजूरी नहीं मिली है. मेरी आपसे हाथ जोड़कर विनती है कि इस प्रस्ताव को मंजूरी दीजिए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने अपनी चिट्ठी में एलजी को लिखा है कि बस मार्शल्स के मसले पर आपकी स्वीकृति का इंतजार हमारी सरकार, मार्शल्स और पूरी दिल्ली की महिलाओं को है.
'केजरीवाल भी ने नौकरी से हटाने का किया था विरोध'
सीएम आतिशी ने दिल्ली विधानसभा सत्र के पहले दिन (29 नवंबर) को सदन में इस मसले पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मैंने, एलजी विनय सक्सेना को कई पत्र लिखकर बस मार्शलों की तनख्वाह रोकने और उन्हें नौकरी से हटाने के फैसले का का विरोध किया था, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
इसके उलट उन्हेंने नवंबर 2023 को 10 हजार से ज्यादा बस मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया. उन्होंने विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को निशाने पर लेते हुए कहा कि दिल्ली के पूर्व सीएम के कहने पर बस मार्शल्स हटाए गए थे.
'इनके कहने पर हटाए गए बस मार्शल'
इसका खंडन करते हुए आतिशी ने कहा कि 20 अक्टूबर 2023 को अरविंद केजरीवाल ने एलजी से बस मार्शल को न हटाने के लिए चिट्ठी लिखी थी. उनकी इस अनुरोध के कुछ दिनों बाद परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के सिर्फ एक चिट्ठी पर उन्होंने सभी मार्शलों को हटा दिया.
आतिशी ने कहा कि उस समय मैं रेवेन्यू मिनिस्टर थी. उन्होंने कहा था, 'कम से कम बसों में जो मार्शल तैनात हैं, उन्हें न हाटाया ताए, लेकिन एलजी ने मेरे प्रस्ताव पर गौर नहीं फरमाया.'
'अब बस मार्शल की नियुक्ति पहले से ज्यादा पेचीदा'
दरअसल, बस मार्शलों की अभी तक नियुक्त न होना आप और बीजेपी की सियासी एजेंडा का नतीजा है. दोनों के बीच इसका श्रेय लेने को लेकर होड़ है. यही वजह है कि बस मार्शल्स अभी तक नियुक्त नहीं हुए. अब बस मार्शल्स की नियुक्ति पहले से ज्यादा पेचीदा हो गया है.