Delhi AQI Today News: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (Pollution) का स्तर एक बार फिर बेकाबू हो गया है. प्रदूषण के असर का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि लुटियन दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Ram Manohar Lohia Hospital) प्रशासन ने अलग से प्रदूषण से प्रभावित मरीजों के लिए स्पेशल पॉल्यशन ओपीडी (Special Pollution OPD) की शुरुआत कर दी है. अब अस्पताल में पॉल्यूशन से प्रभावित मरीजों का उपचार इस ओपीडी में होगा. इसके लिए अलग से डॉक्टर और सहायक स्टाफ मुहैया कराए गए हैं.
5 विभागों के डॉक्टर्स स्पेशल ओपीडी से अटैच
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि दिल्ली क्रिटिकल पॉल्यूशन के स्तर को देखते हुए अलग से स्पेलश पॉल्यूशन ओपीडी शुरू करने का अस्पताल प्रबंधन ने फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन की वजह से बड़ी संख्या मरीज ओपीडी में आने लगे हैं. स्पेशल पॉल्यूशन ओपीडी में आने वाले मरीजों को मल्टी डिपार्टमेंटल क्लीनिक के सघन चिकित्सा कक्ष में उपचार किया जाएगा. चूंकि, प्रदूषण का असर शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है, इसलिए मल्टी डिपार्टमेंटल क्लीनिक की देखरेख में पॉल्यूशन से प्रभावित मरीजों को इलाज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्पेशल पॉल्यूशन ओपीडी से आंख, कान, नाक, साइक्रियाटिक व सांसों संबंधित डॉक्टरों को अटैच किया गया है.
पॉल्यूशन से प्रभावित मरीजों की संख्या में इजाफा
दरअसल, दिल्ली में दिवाली की रात बड़े पैमाने पर पटाखे जलाने से राजधानी में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर क्रिटिकल लेवल तक पहुंच गया है. दिल्ली के अधिकांश इलाकों में एक्यूआई 400 के पार है. प्रदूषण का यह स्तर गंभीर श्रेणी में आता है. जानकारी के मुताबिक प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. दिल्ली के लोग आंख और गले में जलन महसूस करने लगे हैं. साथ ही अन्य तरह की परेशानियों का भी लोग सामना कर रहे हैं.
दिल्ली के हालात लाहौर, कराची से भी खराब
बता दें कि दिल्ली की आबोहवा आज भी जहरीली श्रेणी में है. इसमें सुधार की अभी कोई संभावना नहीं है. वायु प्रदूषण की वजह से की दिल्ली सेहत बेहद खराब हो गई है. मंगलवार सुबह पांच बजे धुंध की वजह से दृश्यता भी बहुत कम देखी गई. एक्यूआई पर निगरानी में विशेषज्ञता रखने वाली स्विस कंपनी ‘आईक्यूएयर’ के मुताबिक सोमवार को दिल्ली, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था. पाकिस्तान के लाहौर और कराची शहरों का स्थान उसके बाद था। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में मुंबई और कोलकाता क्रमश: पांचवें और छठे स्थान दर्ज किए गए.