दिल्ली में ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर कई ऑटो, टैक्सी और कैब चालक संगठनों ने सोमवार से दो दिवसीय हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. इस हड़ताल का असर दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में दिख रहा है और इसका खामियाजा भी लोगों को भुगतना पड़ रहा है. शहर में 90,000 से अधिक ऑटो और 80,000 से अधिक रजिस्टर टैक्सियाँ हैं. दिल्ली में ऑटो और कैब ड्राइवरों की कई यूनियनें किराया दरों में बढ़ोतरी और ईंधन की कीमतों को कम करने की मांग कर रही हैं.
दिल्ली सरकार की ओर से उनकी समस्याओं के समाधान के लिए आश्वासन भी दिया गया है. दिल्ली सरकार ने समयबद्ध तरीके से किराया संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की है. हालांकि फिर भी इन ड्राइवर संगठनों का प्रदर्शन जारी है. दिल्ली टैक्सी, टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने चक्का जाम का ऐलान किया है.
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इससे पहले 11 अप्रैल को ऑटो, टैक्सी और कैब चालकों ने सीएनजी दाम पर सब्सिडी की मांग करते हुए दिल्ली सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन कर रहे संगठन की मांग है कि सरकार सीएनजी पर 35 रुपये प्रति किलोग्राम सब्सिडी दे· इसके साथ ही संगठन ने आरोप लगाते हुए कहा था कि ईंधन की बढ़ती कीमतों को देखते हुए न तो सीएम और न ही सरकार का कोई नेता हमसे बात करने को तैयार है.
बता दें कि इस साल दिल्ली में सीएनजी के दामों में 18.57 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है और इसी अप्रैल महीने में सीएनजी के दाम 5 बार बढ़ चुके हैं. सिर्फ अप्रैल महीने में सीएनजी के दाम 10.8 रुपये बढ़ चुके हैं. दिल्ली में जनवरी के समय पर 53.04 रुपये प्रति किलो की सीएनजी की कीमत थी लेकिन अब यह कीमत 71.61 रुपये प्रति किलो है.