Delhi: कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ-साथ सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है. इस पर बीजेपी हमलावर है. वहीं अब आम आदमी पार्टी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. आप नेता और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि यह कांग्रेस पार्टी का अपना मामला है.
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, " सभी चार शंकराचार्य कह रहे हैं कि मंदिर अधूरा है, इसलिए ऐसे समय में 'प्राण प्रतिष्ठा' करना वेदों और सनातन धर्म के अनुरूप नहीं है और सही नहीं है. मुझे लगता है कि उनकी बातों का सम्मान किया जाना चाहिए. वे हिंदू धर्म में सर्वोच्च अधिकारी हैं. यह दुखद है कि वे समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं. अगर मैं सरकार में होता तो उनके पैरों पर गिरता कि उनके बिना समारोह कैसे हो सकता है."
कांग्रेस की ओर से क्या कहा गया?
गौरतलब है कि राम मंदिर उद्घाटन के न्योता को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अस्वीकार कर दिया है. कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि पार्टी की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होंगे. कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, "भगवान राम हमारे देश में लाखों लोगों की ओर से पूजे जाते हैं और धर्म एक व्यक्तिगत मामला है, लेकिन आरएसएस/बीजेपी ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर का एक राजनीतिक प्रोजेक्ट बनाया है. बीजेपी और आरएसएस के नेताओं की ओर से 'अधूरे मंदिर' का उद्घाटन स्पष्ट रूप से 'चुनावी लाभ के लिए आगे लाया गया है."
जयराम रमेश ने आगे कहा, "2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट रूप से आरएसएस/बीजेपी कार्यक्रम के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है."
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