Delhi News: कुछ लोगों का शौक और सिस्टम की लापरवाही की पतंग जब कातिल मांझे के दम पर उड़ान भरती है तो खामियाजा किसी बेगुनाह को भुगतना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला देश की राजधानी दिल्ली में सामने आया है. दिल्ली के रोहिणी निवासी सुमित रंगा की चीनी मांझे ने जान ले ली. मृतक सुमित राड़ी से अपनी मोटरसाइकिल से घर आ रहा था और जब वह हैदरपुर फ्लाईओवर पर पहुंचा तो मांझा उसके गले में फंस गया. जिससे उसकी गले की नस कट गई और मौके पर ही मौत हो गई.


डॉक्टर ने भी मृत घोषित किया
उत्तर-पश्चिम जिले की डीसीपी उषा रंगनानी ने कहा कि मौर्य एन्क्लेव पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति के बारे में कॉल आई थी, जो हैदरपुर फ्लाईओवर पर एक तार से घायल हो गया था. डीसीपी ने कहा, "घायल व्यक्ति को सरोज अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया."


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2017 से  दिल्ली में चाइनीज मांझा बैन
बता दें कि 10 जनवरी 2017 को दिल्ली सरकार ने राजधानी में चाइनीज मांझा के इस्तेमाल और बिक्री पर रोक लगा दी थी. लेकिन सस्ते में पतंगबाजी का शौक पूरा करने के लिए लोग इसे बेचते और खरीदते हैं. कातिल मांझा भले ही सस्ता हो लेकिन इसकी कीमत आसमान में बेजुबान पक्षी और जमीन पर बेगुनाहों को जान देकर चुकानी पड़ती है.


कैसे तैयार होता है चीनी मांझा?
चाइनीज मांझा नाइलॉन से तैयार होता है फिर इसमें कांच और लोहे के बेहद बारीक टुकड़े भी लगाए जाते हैं. इसी मांझे से देश में हर साल कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. चाइनीज मांझा ही नहीं बल्कि बाजार में कई और भी ऐसे खतरनाक मांझे धड़ल्ले से बिक रहे हैं. कॉटन से बना सादा मांझा 1000 रुपये तक आता है जबकि नाइलॉन से बना कातिल मांझा 300-400 रुपये तक में आ जाता है.


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