Rajkumar Roat Meets PM Modi: राजस्थान के डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह मुलाकात काफी अहम माना जा रहा है. सांसद राजकुमार रोत ने 10 जनवरी 1966 को माही व कडाना बांध को लेकर गुजरात व राजस्थान सरकार के मध्य हुए समझौते की शर्तों को पूराकर बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों के सूखाग्रस्त क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई परियोजना स्वीकृत करने एवं अन्य कई मांगों को लेकर   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.


 दिल्ली में पीएम ऑफिस लोकसभा भवन पर डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. लगभग 20 मिनट तक चली मुलाकात के दौरान सांसद रोत ने राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास और जनहित से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मांगों पर चर्चा की.


सांसद राजकुमार रोत द्वारा आज  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने 17 सूत्रीय मांग पत्र पेश किया गया. इन मांगों का केंद्र बिंदु आदिवासी समाज का समग्र विकास, भील प्रदेश की मांग, संवैधानिक प्रावधान लागू करना, डूंगरपुर-बांसवाड़ा में पेयजल और सिंचाई की समस्याओं का समाधान और शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार रहा.  


प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखी गई ये मांगे 


1. 1966 में माही-कड़ाना बांध बनाने के वक्त हुए गुजरात-राजस्थान के समझौते की शर्तों को पूराकर डूंगरपुर-बांसवाड़ा के लिए पेयजल व सिंचाई परियोजना की मांग.
2. गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के कुछ हिस्से को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग.
3. बजट सत्र 2022 में चौरासी विधानसभा क्षेत्र के लिये 886 करोड़ की स्वीकृत कडाना से गैंजी घाटा तक पेयजल परियोजना का वर्क ऑर्डर जारी करना.
4. हाल ही जंगली जानवरों से हुई मौतों व आदिवासियों के विस्थापन को देखते हुए पूरे देश में प्रस्तावित ट्राइगर प्रोजेक्ट को रोकने संबंधी मांग.
5. बांसवाडा ज़िले में प्रस्तावित परमाणु बिजली घर के दूरगामी दुष्परिणाम को देखते हुये कोई प्रोजेक्ट लगाकर परमाणु बिजली घर पर रोक लगाने की मांग
6. गुजरात में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों के लिये शिक्षण व्यवस्था के लिए प्रवासी शिक्षा केंद्र खोलने की मांग.
7. संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस का पूरे देश में राजकीय अवकाश घोषित किये जाने की मांग.
8. गुजरात में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के इलाज के लिये प्रवासी मजदूर चिकित्सा योजना लागू कराने की मांग.
9. डूंगरपुर में एक अतिरिक्त नवीन नवोदय विद्यालय खोलने की मांग.
10. अनुसूचित क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के समता जजमेंट 1997 के आदेश का अनुपालन करते हुए स्थानीय जनजातियों के लिए कॉपरेटिव सोसाइटीज बनाकर खनन में उन्हें मालिकाना अधिकार दिलाने की मांग.
11. बिरसा मुंडा, मामा बालेश्वर, टांट्या मामा भील को मरणोपरांत भारत रत्न दिलाने की मांग.
12. संसदीय क्षेत्र बांसवाडा में  SC समुदाय के अभ्यार्थियों के लिये आधुनिक छात्रावास खोलने की मांग.
13. संसदीय क्षेत्र बांसवाडा में खेल विश्वविधालय खोलने की मांग.
14. संसदीय क्षेत्र बांसवाड़ा में आईआईटी, नीट व आई.आई.एम. जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में जाने के लिये उच्च स्तरीय ट्राइबल कोचिंग सेंटर खोलने की मांग.
15. कौशल दक्षता योजना के तहत स्किल डवलपमेंट कॉलेज खोलने की मांग.
16. राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में नवीन एम्स खोलने की मांग.
17. बांसवाडा- डूंगरपुर ज़िले से PM सहायता निधि के लिये समस्त आवेदनों को स्वीकार करते हुये वित्तीय सहायता दिलवाने की मांग. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट के बाद सांसद राजकुमार रोत ने बताया कि यह मुलाकात सकारात्मक रही और प्रधानमंत्री ने सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है. साथ ही सांसद राजकुमार रोत को कहा कि देश के आदिवासी क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास रहेगा.


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