Delhi Barapullah Corridor: बारापुला कॉरिडोर के तीसरे चरण का शुरू होने वाला है काम, एम्स से मयूर विहार जाना होगा आसान
Barapullah Elevated Corridor: दिल्ली में पीडब्लूडी बारापुला के तीसरे चरण के लिए यमुना बाढ़ क्षेत्र में अधिग्रहित जमीन पर जल्द ही निर्माण शुरू करने की योजना पर अमल करने जा रही है.
Barapullah Elevated Corridor Project: दिल्ली (Delhi) के रिंग रोड पर ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए जहां एक तरफ आश्रम फ्लाईओवर (Ashram Flyover) को हल्के वाहनों के लिए खोला जा चुका है. वहीं, अब इसे जून तक पूरी तरह से भारी वाहनों के लिए भी खोलने की तैयारियां चल रही हैं. एनसीआर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद के साथ-साथ दक्षिणी दिल्ली से पूर्वी दिल्ली के बीच आवाजाही आसान करने के लिए दूसरे विकल्प मयूर विहार (Mayur Bihar) को बारापुला से जोड़ने की कवायद भी अब तेज हो गई है.
पिछले दिनों दिल्ली सरकार की ओर से अधिग्रहित भूमि पर बारापुला के तीसरे चरण के निर्माण कार्य को शुरू किया जाएगा. पीडब्लूडी बारापुला के तीसरे चरण के लिए यमुना बाढ़ क्षेत्र में अधिग्रहित जमीन पर जल्द ही निर्माण शुरू करने की योजना पर अमल करने जा रही है. पीडब्लूडी के अधिकारियों के मुताबिक इस कॉरिडोर में करीबन 669 मीटर एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसके लिए करीबन 8 एकड़ निजी भूमि की पहचान कर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसमें से करीबन 6 एकड़ जमीन पीडब्लूडी को जनवरी-फरवरी में सौंपी जा चुकी है.
जमीनों का अधिग्रहण जारी
अधिकारियों का कहना है कि अगले सप्ताह तक एलिवेटेड कॉरिडोर के इस महत्वपूर्ण हिस्से पर निर्माण कार्य शुरू होगा. दो एकड़ जमीन की जरूरत है, जिसका अधिग्रहण भी चल रहा है और अंतिम रूप देने के लिए राजस्व विभाग जल्द ही इसे सौंपने के लिए प्रक्रिया को पूरा करेगा. निर्माण करने वाले अधिकारी यह सोच कर निर्माण शुरू कर रहे हैं कि जमीन का बाकी हिस्सा मिल जाएगा, लेकिन परियोजना में देरी न हो इसलिए निर्माण शुरू कर दिया जाए.
2017 में ही पूरा होना था निर्माण
यमुना के दोनों छोर पर निर्माण किया जा चुका है और एलिवेटेड रोड के तीसरे चरण का यह हिस्सा 3.6 किलोमीटर का है. इसका निर्माण अप्रैल 2015 में शुरू होकर 2017 में पूरा होना था. निर्माण शुरू करने के बाद जमीन की जरूरत महसूस हुई और दिल्ली सरकार की ओर से अगस्त 2021 में नंगली रजापुर गांव की इस जमीन को लेने की प्रक्रिया शुरू हुई. एलजी वीके सक्सेना की मौजूदगी में इस जमीन का हिस्सा पीडब्लूडी को सौंपा गया.
कई इलाकों तक सिग्नल फ्री होगा आवागमन
संबंधित इंजीनियर्स ने बताया कि ऐलिवेटेड कॉरिडोर को सहारा देने के लिए नदी के किनारे दो बड़े कुएं पिलर्स बनाने हैं. यमुना के तट की मिट्टी को देखते हुए इसे बनाने में एक साल का समय लग सकता है. अधिकारी बताते हैं कि घाट के आधार का निर्माण तो हो गया है लेकिन ऊपर का स्ट्रक्चर बनाया जाना है. परियोजना के पूरे होने के बाद एम्स से मयूर बिहार फेज-1 के बीच सिग्नल फ्री आवागमन हो सकेगा. इससे सराय काले खां के बीच लगने वाले जाम से भी निजात मिल सकेगा. इस कॉरिडोर के बनने के बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मयूर विहार सहित आस-पास के इलाकों में सिग्नल फ्री आवाजाही हो सकेगी.
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