Delhi News: दिल्ली कांग्रेस महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष और शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं बरखा शुक्ला सिंह (Barkha Shukla Singh ) ने बुधवार को कांग्रेस (Congress) पर पलटवार किया है. वर्तमान में बीजेपी नेता बरखा शुक्ला सिंह ने कांग्रेस द्वारा महिला आरक्षण बिल का विरोध को उसका पाखंड करार दिया है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस के पांखड की कोई सीमा नहीं है. 


उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मुझे पार्टी में रहते हुए महिलाओं के चुनाव में सीट देने के लिए जोर देने पर पार्टी से साल 2017 में निकाल दिया था. मेरी गलती यही थी कि मैंने महिला पार्टी कार्यकर्ताओं को हक दिलाने का लड़ाई लड़ी थी. वहीं कांग्रेस आज कि महिला आरक्षण विधेयक "अपना" बता रही है. यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की भलाई केवल पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में ही संभव है. इस बार भी नरेंद्र मोदी महिला आरक्षण को लेकर कानून बनाने का संकल्प और वो इसे पूरा कर ही छोड़ेंगे. 



कांग्रेस किसी एक परिवार की कंपनी नहीं


बता दें कि एक दौर में दिल्ली कांग्रेस की तेजतर्रार नेता रहीं दिल्ली महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह अब बीजेपी में हैं. उन्होंने 2017 के एमसीडी चुनाव में महिला कार्यकर्ताओं को टिकट दिलाने पर जोर दिया था. महिला कार्यकर्ताओं को टिकट दिलाने में विफल रहने पर उन्होंने राहुल गांधी सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं की आलोचना की थी. उन्होंने पार्टी नेतृत्व से उस समय पूछा था कि क्या राहुल गांधी के खिलाफ आवाज उठाना क्या पार्टी विरोधी गतिविधि है? राहुल गांधी ने फिर साबित करने की कोशिश की है कि कांग्रेस पर उनके परिवार की जमींदारी है. कांग्रेस का मतलब गांधी परिवार तक सीमित है. बरखा सिंह ने उस समय बयान जारी कर कहा था कि दिल्ली कांग्रेस कमेटी से उन्हें बाहर निकाला जाना पूरी तरह से गैर कानूनी है. पार्टी से निकाले जाने से नाराज बरखा ने यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस किसी एक परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है.


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