Watch: 'अंग्रेजों के तलवे चाटने के सिवाय सावरकर का रोल क्या था', BBC डॉक्यूमेंट्री पर JNUSU अध्यक्ष का भड़काऊ बयान वायरल
BBC Documentary Row: गुजरात दंगों पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की जेएनयू में स्क्रीनिंग के बाद से इस मसले पर विवाद पहले से ज्यादा गहरा गया है.
BBC documentary: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की विवादित डाक्यूमेंट्री ( BBC documentary controversy) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बशर्ते कि यह विवाद और गहराता जा रहा है. शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में भी बीबीसी डाक्यूमेंट्री (BBC documentary) की स्क्रीनिंग होनी है. यानी यह मामला अभी और भड़क सकता है. इस बीच जेएनयू लेफ्ट छात्र संगठन के नेता और समर्थकों का एबीवीपी (ABVP) और RSS के खिलाफ भाषण और नारेबाजी को लेकर चर्चा चरम पर है. लेफ्ट छात्र नेताओं के बयान में से JNUSU की अध्यक्ष आईशी घोष (JNUSU President Aishee Ghosh) का स्टेटमेंट विरोधी विचारधारा के लोगों को भड़काने वाला है.
दरअसल, लेफ्ट छात्र संगठन के नेताओं का एबीवीपी और RSS के खिलाफ भाषण और नारेबाजी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में JNUSU की अध्यक्ष आईशी घोष यह बोलती हुई दिखाई दे रही हैं कि- 'हिस्ट्री ऑफ इंडिपेंडेंस स्ट्रगल में अंग्रेजों के तलवे चाटने के सिवाय वीर सावरकर का रोल ही क्या था?' हकीकत यह है कि हिस्ट्री ऑफ इंडिपेंडेंस स्ट्रगल में अंग्रेजों के तलवे चाटने के सिवाय सावरकर ने और कुछ नहीं किया. हम सभी कि लिए यह जानना जरूरी है कि अंग्रेजों के खिलाफ जो लोग आजादी की लड़ाई में शामिल हुए, उनका इतिहास क्या है. इतना ही नहीं, हमें उन लोगों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जो आजादी की लड़ाई को लेकर झूठे दावे कर रहे हैं. इस मामले में सावरकर को लेकर आरएसएस और एबीवीपी वालों का दावा गलत है. सावरकर ने वैसा कुछ नहीं किया, जैसा आरएसएस वाले दावा कर रहे हैं. सावरकर ने जेल में रहकर केवल अंग्रेजों के तलवे चाटे. उन्होंने इसके सिवाय और कुछ नहीं किया. इसके अलावा, आईशी घोष ये सवाल उठाती हैं कि कैंपस में बिजली और इंटरनेट क्यों ठप किया गया. मंगलवार की देर रात को जिस तरीके के हालात बने, उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की है. आखिर, ऐसी क्या वजह थी कि कैंपस के भीतर पत्थरबाजी हुई और जरूरत की सुविधाओं को ठप कर दिया गया.
डीयू में स्क्रीनिंग से बढ़ सकता है विवाद
बता दें कि 23 जनवरी को जेएनयू प्रशासन की ओर से जारी चेतावनी के बावजूद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों के एक गुट की ओर से मंगलवार देर शाम को गुजरात दंगों पर पर बीबीसी की बनाई हुई प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री को दिखाने का प्रयास किया गया. इस बार जेएनयू का माहौल वहीं से खराब होना शुरू हुआ. इस मसले पर जेएनयू प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक जब इस तरीके की डॉक्यूमेंट्री की जानकारी उनके संज्ञान में आई तो उन्होंने एडवाइजरी जारी करते हुए ऐसे किसी भी स्क्रीनिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी थी. बताया जा रहा है कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन जेएनयू छात्र संघ की ओर से किया गया था. इस घटना के बाद से जामिया मिलिया इस्लामिया सहित हैदराबाद और केरल में भी बीबीसी की डाक्यूमेंट्री को लेकर विवाद जारी है. इसी कड़ी में आज दिल्ली विश्वविद्यालय में भी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होनी है. यानी यह विवाद अभी और तूल पकड़ सकता है.
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