Relief For AAP: आम आदमी पार्टी (आप) संगठन के दिग्गजों में शामिल विभव कुमार मंगलवार (3 सितंबर) को तिहाड़ जेल से बाहर आ गए. वहीं विजय नायर का भी जेल से निकलने का रास्ता साफ हो गया. निचली अदालत ने उन्हें रिहा करने का आदेश जारी किया. ये पार्टी के लिए किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं है.


कुमार और नायर के बाहर आने के बाद अब आप की नजर सुप्रीम कोर्ट पर है, जहां पांच सितंबर को अरविंद केजरीवाल की जमानत और सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी. आप नेताओं को उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत मिलेगी.


दिल्ली आबकारी नीति मामले में संजय सिंह और मनीष सिसोदिया के बाद विभव कुमार और आम आदमी पार्टी के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को जमानत मिलने से पार्टी काफी उत्साहित है.


दरअसल, आप हरियाणा में पूरे दमखम से मैदान में उतरी है और दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए अभी से सुगबुगाहट तेज है, इन चुनावों के लिए रणनीति बनाने में दोनों अहम भूमिका निभा सकते हैं. साथ ही AAP विपक्षी बीजेपी के हमलों को भी धारदार तरीके से जवाब दे सकती है, जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है.  


किन मामलों में जमानत?
27 सितंबर, 2022 को सीबीआई ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में विजय नायर को गिरफ्तार किया था. तब से वो जेल में थे. वहीं स्वाति मालीवाल पर कथित हमला के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने 18 मई को गिरफ्तार किया था. 


सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
विजय नायर को जमानत देते हुए जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने अहम टिप्पणी की. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता 23 महीने से हिरासत में हैं और विचाराधीन कैदी के रूप में बंद हैं. मुकदमा शुरू होने से पहले इस तरह सजा नहीं दी जा सकती. यदि याचिकाकर्ता को इतने लंबे समय तक विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत में रखा जाता है तो ‘जमानत नियम है और जेल अपवाद है’ का सार्वभौमिक सिद्धांत पूरी तरह से विफल हो जाएगा, जबकि दोषसिद्धि की स्थिति में सजा अधिकतम 7 वर्ष ही हो सकती है. हमारा मानना ​​है कि याचिकाकर्ता जमानत के हकदार हैं. तदनुसार, इस आदेश में दी गई शर्तों पर जमानत दी जाती है.’’ 


नायर को जमानत मिलने पर दिल्ली की मंत्री आतिशी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘सत्यमेव जयते, बीजेपी की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ षड़यंत्र रचा और पार्टी के अनेक नेताओं को जेल में डाला. लेकिन, मनीष सिसोदिया और विजय नायर को जमानत मिलने के बाद यह साबित हो जाता है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.’’


मनीष सिसोदिया ने क्या कहा?
वहीं पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘सत्यमेव जयते. बीजेपी की मनगढ़ंत शराब घोटाले की कहानी का एक और गुब्बारा आज फूट गया. बिना सबूत, बिना कोई बरामदगी के विजय नायर को 23 महीने जेल में रखा. मकसद सिर्फ एक - अरविंद केजरीवाल को चुनावों में नहीं रोक सकते तो उनकी पूरी टीम को और उन्हें ईडी-सीबीआई से गिरफ्तार करवा कर जेल में रखो. देर हो सकती है, लेकिन अंत में जीत तो सत्य की ही होती है.''


विभव कुमार की जमानत के बाद बिना नाम लिए सिसोदिया ने कहा, ''सत्यमेव जयते. भगवान के घर देर हो सकती है अंधेर नहीं. बारंबार सलाम करता हूं अपने संविधान निर्माताओं को जिन्होंने भविष्य में तानाशाही और राजनीतिक साज़िशों की आशंका को देखते हुए संविधान की बुनियाद में ही इनको नियंत्रित रखने की चाबी भी रख दो थी. बाबा साहेब की दूरदर्शिता को नमन.''


जेल में हैं अरविंद केजरीवाल


दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को 9 अगस्त को जमानत मिली थी. वहीं तीन अप्रैल को संजय सिंह को जमानत मिली थी. दोनों ही नेता लगातार पार्टी के लिए कैंपेन कर रहे हैं. दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सिसोदिया इन दिनों पदयात्रा पर हैं.


इन दिनों आप केजरीवाल को केंद्र में रखकर विधानसभा चुनाव के लिए कैंपेन चला रही है. AAP ने दिल्ली में बैनर लगाए हैं, जिसमें लिखा है, ‘मनीष सिसोदिया आ गए, केजरीवाल आएंगे’.


आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पांच महीने से अधिक समय से तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में  21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इस मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. वो सीबीआई की गिरफ्तारी के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. सीएम को सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था.


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