Mid Day Meal: दिल्ली के स्कूलों में मिड डे मील पर बड़ा एलान, इस तारीख से स्कूलों में बच्चों को मिलेगा भोजन
Mid Day Meal: दिल्ली के सभी सरकारी और नगर निगम के स्कूलों में 1 अप्रैल से पिछले दो साल से अधिक समय से रुका हुआ मिड डे मील का गर्म खाना फिर से शुरु हो रहा है.
Mid Day Meal: दिल्ली के सभी सरकारी और नगर निगम के स्कूलों में 1 अप्रैल से पिछले दो साल से अधिक समय से रुका हुआ मिड डे मील का गर्म खाना फिर से शुरु हो रहा है. गर्म पका हुआ मध्याह्न भोजन फिर से शुरू हो जाएगा.
कोविड के कारण बंद हो गई थी योजना
कोविड महामारी की शुरुआत में जब मार्च 2020 के शुरु में स्कूल बंद हो गए थे, तो दिल्ली में मिड डे मील योजना को रोक दिया गया था. बल्कि 2021 के नवंबर में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए स्कूल थोड़े समय के लिए खुले साथ ही इस साल 14 फरवरी से स्कूल खुले हैं. लेकिन स्कूलों में मिड डे मील योजना फिर से शुरू नहीं हो पाई थी. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ऐसा करना संभव नहीं था, क्योंकि स्कूल में किसी भी दिन सभी छात्रों एक साथ नहीं आ रहे थे और छात्रों की स्कूल में शारीरिक उपस्थिति भी नहीं हो रही थी.
1 अप्रैल से फिर शुरू होगा मिड डे मील
बता दें कि 1 अप्रैल 2022 से दिल्ली के सभी स्कूल पूरी तरह से ऑनलाइन स्कूल के विकल्प के साथ ऑफलाइन कक्षाओं में वापस जाने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही शिक्षा निदेशालय की मिड डे मील की शाखा ने सभी सरकारी और नगर निगम के स्कूलों के साथ-साथ अधिकारियों को सूचित किया है, कि एक अप्रैल से सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक छात्रों के लिए गर्म पका हुआ भोजन फिर से शुरू किया जाएगा है.
योजना जनवरी 2021 से यह फिर से शुरु
स्कूलों के प्रिंसीपल और पैनल में शामिल सभी एनजीओ को भी निर्देश दिया गया है कि वे भोजन के वितरण के दौरान "सभी कोविड प्रोटोकॉल और सामाजिक दूरियों के मानदंडों" का पालन सुनिश्चित करेंगे. सरकार दिसंबर 2020 से पके हुए मिड डे मील भोजन के स्थान पर पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए 145 ग्राम प्रति दिन और कक्षा छठी से आठवीं तक के लिए 217 ग्राम प्रति दिन सूखा राशन वितरित कर रही है. छात्रों को जुलाई से दिसंबर 2020 तक छह महीने की अवधि के लिए राशन दिया गया था. जबकि जनवरी 2021 से यह फिर से शुरु है.
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने दिया आदेश
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने नवंबर 2021 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर इसमें आने वाले योग्य छात्रों को गर्म पके भोजन का प्रावधान फिर से शुरू करने की सलाह दी थी. लेकिन दिल्ली ने रसद कठिनाइयों का हवाला देते हुए सूखा राशन वितरण जारी रखा था.
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