Delhi News: पिछले कुछ दिनों से सियासी झंझावातों का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले अपने कैबिनेट में सौरभ भारद्वाज और आतिशी को शामिल कर लिया. आज दोनों नए मंत्री अपने-अपने विभागों का कार्यभार संभालेंगे. गुरुवार को मंत्री पद का शपथ लेने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद से चार—चार विभाग वापस लेकर नवनियुक्त मंत्रियों को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है. साथ ही ये भी कहा है कि दोनों सिसोदिया और सत्येंद्र के भरत साबित होंगे. खास बात ये है कि नए मंत्रियों को जो विभाग दिए गए हैं वो काफी अहम हैं. कुछ अन्य विभागों की जिम्मेदारी भी दोनों को दी गई हैं, जो मनीष और सिसोदिया के पास नहीं थे.
शपथ ग्रहण के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधायक आतिशी को महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा, पर्यटन व कला एवं संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी दी है. ये सभी विभाग पहले मनीष सिसोदिया के पास थे. वहीं विधायक सौरभ भारद्वाज को शहरी विकास, जल, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, सतर्कता, सेवा, स्वास्थ्य और उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है जो पहले सत्येंद्र जैन के पास थे. सियासी और रणनीतिक दृष्टि से नवनियुक्त मंत्रियों को जिन मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं वो काफी अहम हैं. यही वजह है कि शपथ लेने के बाद दोनों मंत्रियों ने कहा कि वो मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन द्वारा शुरू की गई योजनाओं को मूर्त रूप देने का काम करेंगे.
सिसोदिया और जैन के अधूरे काम को कर पाएंगे पूरा?
गुरुवार को मंत्री पद का शपथ लेने के बाद सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन अभी वनवास पर हैं. दोनों ने अपनी तुलना भगवान राम के 'भरत' से करते हुए कहा कि हमारी प्राथमिकता सिसोदिया और जैन की गैर हाजिरी में उनके कामों को तेजी से आगे बढ़ाना है. मीडिया से बातचीत में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र एक साजिश के तहत हमारे आदर्श मनीष सिसोदिया व सत्येंद्र जैन को जेल में डाला है. हमें कठिन परिस्थितियों में उनका काम संभालना पड़ रहा है. मगर जिस तरह भगवान श्रीराम के 14 साल वनवास पर जाने के बाद छोटे भाई भरत ने उनके पीछे जिम्मेदारी संभाली, उसी तरह आज हम दोनों भी उनकी जिम्मेदारी संभालेंगे. वहीं आतिशी ने भी भारद्वाज की बातों से सहमति जताते हुए कहा कि सिसोदिया और जैन की छोटी बहन होने के नाते मैं उनके कार्यभार को संभालूंगी और आगे बढ़ाऊंगी.
जांच एजेंसियों और अदालती सवालों के भी देने होंगे जवाब
अहम सवाल यह है कि जिस तरह से दोनों को मंत्री बनाते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने भरत साबित होने की उम्मीद की है, उससे साफ है कि सौरभ और आतिशी के लिए मंत्री पद कांटों भरा ताज साबित होने वाला है. ऐसा इसलिए कि दोनों के पास आवंटित अधिकांश विभाग वो हैं, जिन पर सभी की निगाहें हैं. ऐसा इसलिए कि ये सभी विभाग सिसोदिया और जैन से जुड़े हैं. इन्हीं विभागों में कई विभागों में हुए घोटाले की जांच भी एसीबी, सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियां कर रही हैं. कई मामले दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं. यानी दोनों पर सीएम केजरीवाल, अपने पूर्ववर्ती मंत्री, लोगों की अपेक्षाओं और जांच एजेंसियों सहित अदालती सवालों के जवाब देने की जिम्मेदारी भी होगी.
ये हैं नवनियुक्त मंत्रियों की चुनौतियां:
- दिल्ली शिक्षा विभाग की योजनाओं को पहले की तरह जारी रखने के साथ स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, खेल विश्वविद्यालय के विस्तार को आगे बढ़ाना नए शिक्षा मंत्री के सामने चुनौती होगी.
- दिल्ली सरकार मुफ्त बिजली के लिए सब्सिडी योजना चलाती है. सरकार ने बीते साल इसे वैकल्पिक बनाते हुए सब्सिडी पाने के लिए आवेदन अनिवार्य कर दिया. अब इसे चालू रखने और न रखने को लेकर भी सरकार पशोपेश में है.
- इसी तरह उद्योग विभाग से रोजगार से जुड़ी कई योजनाएं हैं. 2015 और 2020 में सीएम केजरीवाल ने युवाओं से कई वादे किए थे. उन वादों पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है.
- मोहल्ला क्लीनिक का विस्तार और निर्माणाधीन अस्पतालों को पूरा करना, हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम को लागू करना भी बड़ी जिम्मेदारियों में से एक है.
- इस बार फरवरी से ही गर्मी से लोग परेशान हैं. हर साल गर्मी के मौसम में सभी को पानी मुहैया कराना दिल्ली सरकार के लिए मुश्किलों से भरा टास्क होता है. इस बार पेयजल संकट और ज्यादा गहराने की आशंका है. इसके अलावा, दिल्ली में 24 घंटे पानी के साथ यमुना की सफाई योजना के लिए सीवर नेटवर्क का विस्तार पर दिसंबर 2023 से पहले पूरा करने का लक्ष्य है. इसके अलावे, भी कई ऐसी योजनां हैं जिस पर अमल करना तत्काल जरूरी है.
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