Delhi News: बिहार में कराए गए जाति आधारित सर्वे (Bihar Caste Survey Report) का आंकड़ा जारी हो गया है. जाति आधारित सर्वे सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद ने संजय सिंह (Sanjay Singh) ने कहा कि देशभर में जनगणना होनी चाहिए. हमें जातियों की संख्या पता होनी चाहिए. यह राष्ट्रीय मसला है. बता दें कि आम आदमी पार्टी जातिगत सर्वे का शुरू से ही समर्थन में है. बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर खूब बवाल मचा था. यह मसला पटना हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच था.
अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36%
बिहार जाति आधारित सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की कुल आबादी 13,07,25,310 है. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोग 36 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.6 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.6 प्रतिशत और अनारक्षित वर्ग के लोगों की 15.5 प्रतिशत है.
बिहार की आबादी 13 करोड़ से ज्यादा
बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने गांधी जयंती के दिन एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जाति आधारित गणना का रिपोर्ट जारी कर दी गई है. विवेक सिंह ने कहा कि सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13% है. अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है. अब बिहार की आबादी 13 करोड़ से अधिक है. उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना कराने का फैसला जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया था.
जाति आधारित सर्वे हास्यास्पद
जाति आधारित सर्वे रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "जाति आधारित गणना हास्यासपद है. पहले लालू नीतीश ये बताते कि अब तक वो कितने गरीबों को रोजगार दे चुके हैं, नौकरी दे चुके हैं. ये आंख में धूल झोंकने के समान है. गरीबों को बरगला कर, समाज मे भ्रम फैलाकर इसे पेश किया गया है. आज लोग चांद पर जा रहा है और नीतीश-लालू जाति गणना पेश कर रहे हैं. 33 साल की रिपोर्ट कौन देगा."
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