Child Malnutrition: बिहार-यूपी-दिल्ली में नहीं आए अच्छे दिन, कुपोषण का शिकार हो रहे हैं बच्चे
बिहार में 4,75,824 लाख कुपोषित बच्चे हैं. वहीं UP इस सूची में छठे नंबर पर है और प्रदेश में 1.86 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. बच्चों के कुपोषण के मामले में देश की राजधानी दिल्ली भी पीछे नहीं है.
देश में बड़ी संख्या में बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. एक आरटीआई के जवाब में ये बात सामने आई है कि भारत में इस समय 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इनमें से आधे से ज्यादा यानी कि 17.7 लाख बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं. गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात में है.
यहां हम हिंदी भाषी राज्यों की बात करें तो बिहार इस सूची में दूसरे नंबर पर है. बिहार में 4,75,824 लाख कुपोषित बच्चे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश इस सूची में छठे नंबर पर है और प्रदेश में 1.86 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. बच्चों के कुपोषण के मामले में देश की राजधानी दिल्ली भी पीछे नहीं है. दिल्ली 8वें नंबर पर हैं और यहां 1.17 लाख बच्चे कुपोषित हैं. आपको यहां बता दें कि 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में 46 करोड़ से अधिक बच्चे हैं.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों का संकलन है, जिसके मुताबिक देश में कुल 33,23,322 बच्चे कुपोषित हैं. मंत्रालय का अनुमान है कि कोरोना महामारी से गरीब से गरीब व्यक्ति में स्वास्थ्य और पोषण संकट और बढ़ सकता है. इस पर चिंता जताते हुए मंत्रालय ने कहा कि 14 अक्तूबर 2021 तक भारत में 17.76 लाख बच्चे अत्यंत कुपोषित (एसएएम) और 15.46 लाख बच्चे अल्प कुपोषित (एसएएम) थे. हालांकि ये आंकड़े अपने आप में खतरनाक हैं, लेकिन पिछले नवंबर के आंकड़ों से तुलना करने पर ये और भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. नवंबर 2020 और 14 अक्तूबर 2021 के बीच एसएएम बच्चों की संख्या में 91 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो अब 9,27,606 (9.27 लाख) से बढ़कर 17.76 लाख हो गई है.
भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 101वें नंबर पर
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 101वें स्थान पर पहुंच गया है। इस मामले में वह अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे है. पिछले साल भारत वैश्विक भुखमरी सूचकांक में 94वें स्थान पर था.
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