Bihar Utsav 2023: दिल्ली में 16 दिनों तक चलने वाले बिहार उत्सव की शुरुआत, इस बार क्या है खास?
Bihar Utsav: दिल्ली हाट आईएनए में होने वाले बिहार उत्सव कार्यक्रम में 120 स्टॉल के साथ कलाकारों की ओर से उनके कला की खास प्रस्तुति देखने को मिलेगी. इसमें गीत-संगीत पर आधारित कार्यक्रम भी होगा.
Bihar Utsav 2023 News: दिल्ली (Delhi) में आने वाले 16 दिनों तक बिहार की संस्कृति पर आधारित एक उत्सव का आयोजन किया जाएगा. इसमें राज्य के कारीगर ग्रामीण बुनकर हथकरघा का हुनर पेश किया जाएगा. इसके अलावा बिहार की संस्कृति और खानपान का भी लोगों की ओर से स्वाद चखा जाएगा. दिल्ली के हाट आईएनए (Haat INA) में गुरुवार यानी 16 मार्च से लेकर 31 मार्च तक बिहार उत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसकी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. साथ ही आयोजन की शुरुआत भी हो गई है.
16 मार्च से 31 मार्च तक 16 दिवसीय होने वाले बिहार उत्सव के कार्यक्रम को भव्य बनाने की पूरी तैयारी की गई है. दिल्ली हाट आईएनए में होने वाले इस बिहार उत्सव कार्यक्रम में 120 स्टॉल के साथ कलाकारों की ओर से उनके कला की खास प्रस्तुति देखने को मिलेगी, जिसमें बिहार के हस्तकरघा, हस्तशिल्प, कारीगर, ग्रामीण बुनकर और स्टार्टअप राज्य के हुनर को पेश किया जाएगा. इसके साथ ही बिहार के पारंपरिक भोजन और लोक संगीत की भी गूंज हमें सुनने को मिलेगी.
बिहार के पारंपरिक संगीत की सुनाई देगी गूंज
21 मार्च से लेकर 23 मार्च तक शाम के 6:00 से 8:00 तक बिहार के पारंपरिक गीत-संगीत पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. बिहार अपने लोक संगीत के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. इसके अलावा दिल्ली हाट आईएनए में लगे 120 स्टाल पर मिथिला, मधुबनी, पटना टिकुली कला, मंजूषा पेंटिंग, भागलपुरी सिल्क, बिहार खादी के कपड़े और प्रोडक्ट, जुट प्रोडक्ट और ज्वेलरी, हैंडलूम जैसी कई खास वस्तुओं पर आधारित प्रदर्शनी को भी लगाया जाएगा.
पूर्णिया की महिलाओं के बनाए प्रोडक्ट्स भी होंगे प्रदर्शित
इस उत्सव में पूर्णिया की महिलाओं की ओर से बनाए गए प्रोडक्ट्स को प्रदर्शित किया जाएगा. पूर्णिया की अपनी फैशन ईकॉमर्स कंपनी 'हाउस ऑफ मैथिली' को भी बिहार उत्सव में अपने उत्पादों को दिखाने का मौका मिला है. हाउस ऑफ मैथिली की टीम पिछले 2 महीने से आयोजन के लिए लगातार मेहनत कर रही है और पूरे टीम में इस आयोजन को लेकर उत्साह है.
ये भी पढ़ें- Delhi Budget 2023: कल से दिल्ली का बजट सत्र, सियासी झटके झेल चुकी केजरीवाल सरकार के सामने क्या है चुनौती?