Delhi Metro: डीएमआरसी के लिए मुसीबत बने पक्षी, मेट्रो के तारों को बना रहे बसेरा, मेट्रो सेवाएं हो रहीं प्रभावित
Delhi News: मेट्रो के तारों पर पक्षी न बैठें इसके लिए डीएमआरसी बर्ड स्पाइक डिस्क, एंडी बर्ड, जाली लगाने जैसे उपाय कर रहा है. इससे तारों पर पक्षियों का बैठना कम होगा.
Delhi News: जहां दिल्ली मेट्रो दिल्लीवासियों के लिये जीवनदायिनी बन गई है, वहीं मेट्रो की अधिक ऊंचाई पर लगे तार पक्षियों के लिए मुफीद जगह बन गए हैं. अधिक ऊंचाई पर लगे तारों को पक्षियों ने अपना बसेरा बना लिया है. जब पक्षी अपने पंख फैलाते हैं तो उनके पंख दो तारों से टच हो जाते हैं, जिससे पक्षियों की जान तो जाती ही है साथ ही मेट्रो सेवा भी प्रभावित हो जाती है.
तारों को पक्षी क्यों बना रहे अपना बसेरा
दरअसल दूर दराज तक देखने के लिए पक्षी ऊंची जगह पर बैठना ज्यादा पसंद करते हैं. राजधानी में ऊंचे पेड़ों की भारी कमी है, इसलिए पक्षी मेट्रो के तारों पर ही अधिक बैठना पसंद करते हैं. लैंडफिल साइट, बूचड़खाना, यमुना नदी के इर्द गिर्द के मेट्रो के तारों पर परक्षियों का बसेरा अधिक रहता है. पक्षियों की वजह से लाइन की खराबी से पिछले हफ्ते तीन दिन मेट्रो सेवाएं प्रभावित हुईं.
समास्या से निपटने के लिए नए तरीके तलाश रही डीएमआरसी
इस समस्या को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) भी पक्षियों से निपटने के लिए नए तरीके तलाश रही है. समस्या से बचने के लिए डीएमआरसी बर्ड स्पाइक डिस्क, एंडी बर्ड, जाली लगाने जैसे उपाय कर रहा है.
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) के सहायक निदेशक सुहैल मदान ने बताया कि तारों पर बैठने वाले अधिकतर पक्षी ब्लैक काइट होते हैं, जो दिखने में चील की तरह होते हैं. उन्होंने कहा कि कई बार मौसम की खराबी या अन्य कारणों से पक्षी के पंख दूसरे तार से टकरा जाते हैं, जिसके बाद स्पार्किंग होने से सेवाएं प्रभावित होती हैं. पक्षी भोजन की खोज में ओवरहेड इक्विपमेंट (OHE) का भी सहारा लेते हैं.
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