Delhi Politics: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शिक्षा के क्षेत्र में कथित घोटाले का आरोप लगाया है. दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर में एक प्रेस वार्ता के दौरान दिल्ली बीजेपी चीफ आदर्श गुप्ता और गौरव भाटिया AAP पर आरोप लगाया कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के दावे झूठे हैं. बीजेपी ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार, मनीष सिसोदिया (दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री) को विश्व का सबसे बेहतरीन शिक्षा मंत्री बताती है लेकिन ये सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खेल रही है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने टॉयलेट को क्लासरूम बता दिया.
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा- जब बार-बार कठिन प्रश्न बीजेपी पूछती है, तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कहते थे कि विश्व के सबसे बढ़िया शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स में उनका नाम आता है इसलिए राजनीतिक द्वेष से प्रताड़ित किया जाता है. तो अब बात दिल्ली की शिक्षा की ही हो जाए.
क्या ये काला धन केजरीवाल की तिजोरी में आया- गौरव भाटिया
गौरव ने कहा- हम लोग आपके समक्ष इससे पहले बड़ी प्रमुखता से जो अरविंद केजरीवाल की 'पाप सरकार' है उसका आबकारी घोटाला सामने रखते आए हैं. इससे पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जिनको कट्टर ईमानदार का सर्टिफिकेट केजरीवाल ने दिया था, वो तीन महीने से जेल में हैं, अभी तक मंत्री पद से हटाए नहीं गए हैं.
बीजेपी ने कहा- 500 स्कूल बनवाने का वादा किया था वह स्कूल तो नहीं बने. बीजेपी ने सीवीसी की रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि स्कूलों में 2400 कमरों की जरूरत थी लेकिन उसको बढ़ा कर 7180 किया गया. इसके साथ ही लागत को बढ़ाया गया जिससे की मुनाफाखोरी की जा सके. बीजेपी ने प्रेस वार्ता में सवाल किया कि ढाई साल पहले ये रिपोर्ट सीवीसी ने भेजी थी पर उस पर क्या संज्ञान लिया, लिया तो क्या कारवाई की?
करीबी लोगों को दिलाया ठेका- बीजेपी
बीजेपी ने आरोप लगाया कि एक अनुमान के मुताबिक 326 करोड़ से लागत बढ़ाई गयी. टेंडर की कीमत से 53% ज्यादा था. 6133 क्लास रूम की जगह 4027 क्लास रूम बनें. क्या ये काला धन केजरीवाल की तिजोरी में आया?
बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के लिए रुपए खर्च किया गया लेकिन सीवीसी जांच में सिर्फ 2 पाए गये. पूरे प्रोजेक्ट का सैंक्शंड अमाउंट करीब 990 करोड़ का था 860 करोड़ के टेंडर जारी किए गये जबकि खर्चा 1315 करोड़ किया गया. कोई नया टेंडर नहीं निकाला जबकि अपने करीबी ठेकेदारों को ही यह काम दिलवा दिया गया.