(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi: दिल्ली के मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारे पर भी अब चलेगा बुलडोजर? BJP और AAP ने एक-दूसरे को घेरा
Manish Sisodia On Religious Places: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी को दिल्ली के धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई रोकने की सलाह दी है. इस पर सियासत शुरू हो गई है.
BJP Attacks On Delhi Government: दिल्ली (Delhi) के महरौली में अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर जमकर सियासत हुई थी. अब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी को दिल्ली के धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई रोकने की सलाह दी है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनपर आरोप लगा कि उनकी ओर से दिल्ली के कई धार्मिक स्थलों को तोड़ने की तैयारी की जा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि एलजी विनय सक्सेना (Vinai Saxena) की तरफ से फाइल भेजी गई है, जिसमें 60 से अधिक प्राचीन मंदिर, गुरुद्वारे, मजार और धार्मिक स्थलों को हटाकर भवन बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है.
उन्होंने आगे कहा, "इन धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए अतिरिक्त फोर्स की मांग भी की गई है, लेकिन यह दिल्ली की शांति व्यवस्था को भंग करने वाला फैसला होगा. दशकों से बने यह धार्मिक स्थल लोगों की आस्था का केंद्र है, इसलिए इस डिजाइन और प्रोजेक्ट को रोककर हर हाल में धार्मिक स्थल के ध्वस्तीकरण प्लान को बदला जाना चाहिए. वहीं इसी मामले पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि आम आदमी पार्टी घड़ियाली आंसू बहा रही है और अतिक्रमण हटाने मामले पर खुद जिम्मेदार होने के बावजूद सियासत कर रही है.
'रेवेन्यू डिपार्टमेंट की लापरवाही से हुई तोड़फोड़'
इस मामले पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता खेमचंद शर्मा ने कहा, "दिल्ली सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट की लापरवाही की वजह से महरौली स्थित मकानों में तोड़फोड़ की कार्रवाई हुई. बीजेपी ने इस मामले पर एलजी से मुलाकात कर बेहद सूझ-बूझ के साथ महरौली डिमोलिशन को रुकवाने का काम किया है. उन स्थानीय लोगों को राहत देने का प्रयास किया है. अब इस मामले को सियासी मुद्दा बनाकर आप नेता खुद दिल्ली का माहौल खराब करना चाहते हैं और सियासी रोटी सेंक रहे हैं."
खेमचंद शर्मा ने पूछा- पुजारियों को कब मिलेगा वेतन?
इस मामले पर बीजेपी प्रवक्ता ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछते हुए कहा, "दिल्ली में स्थित मस्जिद के मौलवियों को निर्धारित समय पर सैलरी दी जाती है, लेकिन अभी भी लगातार मांग के बावजूद मंदिरों के पुजारियों को वेतन देने का प्रावधान नहीं तय किया गया और इन सवालों से आम आदमी पार्टी लगातार भाग रही है."
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