Delhi Flood: राजधानी दिल्ली को बाढ़ से तो राहत मिलनी शुरू हो गयी है, लेकिन अब इसे लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में लगातार आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चल रही है, और दोनों की दलों के नेता, एक-दूसरे को गलत और झूठा साबित करने की कोशिश में लगे हुए हैं. इस सियासी खींचतान में कभी आप का पलड़ा भारी हो रहा है, तो कभी बीजेपी उन पर भारी पड़ रही है. लगातार दोनों ही दल तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर एक-दूसरे पर दोषारोपण करने में लगे हुए हैं.


आप ने लगाया था साजिश के तहत दिल्ली को डुबोने का आरोप
इसकी शुरुआत तब हुई जब आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से हथिनीकुंड बैराज के पास का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा गया कि हथिनीकुंड के पास यूपी के सहारनपुर की तरफ जाने वाला हर बिल्कुल सूखा पड़ा है, जबकि दिल्ली की तरफ पानी छोड़ कर दिल्ली को डुबाने की साजिश रची गयी है. इस साजिश के पीछे आप ने बीजेपी के होने की आशंका जाहिर की थी.  जिसके बाद से ही जहां बीजेपी इसे लेकर आप पर हमलावर होते हुए तमाम आरोप लगाने लगी तो वहीं विश्लेषक हथिनीकुंड से पानी के यमुआ में छोड़े जाने के कारणों का विश्लेषण करने लगे.


बीजेपी का दावा ITO बैराज को लेकर नहीं लिखा हरियाणा को एक भी पत्र
इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सीएम अरविंद केजरीवाल के उस बयान को झूठा बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि, उनकी तरफ से कई बार हरियाणा सरकार से ITO बैराज की देखरेख की सुपुर्दगी की मांग की गई, लेकिन उन्हें ITO बैराज की देखभाल की जिम्मेदारी नहीं दी गयी. सीएम के इस बयान को चुनौती देते हुए सचदेवा ने कहा था कि वे झूठ बोल रहे हैं और उनका दावा है कि एक बार भी केजरीवाल सरकार की तरफ से ITO बैराज से संबंधित चिट्ठी हरियाणा सरकार को नहीं लिखी गयी.


गलत बयान दे कर फंसे बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष
इसके जवाब में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सचदेवा के दावों की पोल खोल दी. उन्होंने 2017, 2021 और 2022 में दिल्ली सरकार के एडिशन चीफ सेक्रेटरी समेत अन्य अधिकारियों द्वारा अलग-अलग मौकों पर हरियाणा को लिखे पत्रों में ITO बैराज के मेंटेनेंस न होने का हवाला देते हुए इसकी देखभाल के जिम्मा दिल्ली सरकार को देने की मांग की. इसके अलावा यह भी कहा गया कि ITO बैराज के गेट्स जाम हैं, जिसकी सफाई किये जाने की जरूरत है.  इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किये साक्ष्यों से उन्होंने दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के झूठ को दुनिया के सामने ला कर रख दिया. इससे बीजेपी की फजीहत हुई.


सीएम को नहीं पता मेंटेनेंस का पैसा कौन देता है
लेकिन बीजेपी भी कहां पीछे रहने वाली थी, उनकी तरफ से भी आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा विभिन्न मौकों पर दिए गए झठे और भ्रामक बयानों की उन्होंने बखिया उधेड़ कर रख दी. सबसे पहले तो सीएम केजरीवाल के उस स्पष्टीकरण, जिसमें उन्होंने कहा कि यमुना पुल के मेंटेनेंस के लिये पैसे नहीं दिए जाने पर कहा था कि ये पैसा दिल्ली सरकार नहीं NTPC देती है इसलिए ये सवाल केंद्र सरकार और उनकी NTPC से पूछा जाना चाहिए. इस पर बीजेपी ने NTPC के उस ट्वीट को अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, जिसमें NTPC ने स्पष्ट किया कि ITO बैराज के मेंटेनेंस से उनका कोई लेना-देना नहीं है. जिससे सीएम केजरीवाल का यह बयान आधारहीन साबित हो गया.


आप के नेताओं के बयान साबित हुए तथ्यहीन
वहीं, एक मौके पर जब आप के गोपाल राय ने यह कहा कि हथिनीकुंड बैराज के पास सूखे कैनल का हवाला देते हुए कहा कि सारा पानी दिल्ली की तरफ छोड़ दिया गया. इसकी पड़ताल और विश्लेषण में पता चला कि यमुना नदी है इसलिए हथिनीकुंड बैराज से पानी यमुना में पानी छोड़ा गया. कैनाल में पानी तब छोड़ा जाता है, जब पानी एक लाख क्यूसेक से कम हो. इसे लेकर आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी एक भ्रामक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हथिनीकुंड बैराज की लोग शीट के अनुसार सारा पानी दिल्ली को डुबाने के उद्देश्य से यमुना में छोड़ दिया गया, जबकि ईस्ट और वेस्ट कैनल सूखे पड़े थे. वहीं जब लोग शीट की जांच की गई तो पता चला कि जब तक पानी 1 लाख क्यूसेक से कम रहा तब तक अलग-अलग तारीखों में उन दोनों कैनल में छोड़ा गया, लेकिन जैसे ही पानी एक लाख क्यूसेक से ऊपर गया उसे यमुना में छोड़ दिया गया और यह ऑटोमैटिक होता है, क्योंकि एक लाख क्यूसेक से ऊपर होते ही दोनो कैनल की तरफ बने गेट अपने आप ही बंद हो जाते हैं.


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