Delhi Latest News: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने विधायकों के फंड को 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ करने की घोषणा की है. इस फैसले पर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने सवाल उठाए हैं. बीजेपी का कहना है कि दिल्ली सरकार सात हजार करोड़ के राजकोषीय घाटे में है. ऐसे में विधायकों की निधि को 10 करोड़ से बढ़ा कर 15 करोड़ क्यों किया गया? वह भी चुनाव से ठीक पहले. 


बीजेपी ने कहा कि पहले साल विधायकों को बजट आवंटित नहीं हुआ. दूसरे साल 10 करोड़ की जगह चार करोड रुपये मिले. चार सालों में 10 करोड़ के हिसाब से 40 करोड़ रुपये विधायकों को मिलने चाहिए थे, लेकिन सिर्फ 15 करोड़ रुपये ही मिले. अब आप सरकार 15 करोड़ रुपये देने की बात कर रही है.


कहीं इसके संकेत तो नहीं! 


दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि चौतरफा फेल होती आम आदमी पार्टी जनता को रिझाने के लिए अपने अंतिम चरण में जीवंत होने की हर संभव कोशिश कर रही है. जहां इनके विधायक वार्षिक 10 करोड़ को खर्च करने में असमर्थ रहे, उस पर विधायक फंड को 15 करोड़ वार्षिक करना सीधा-सीधा भारी भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है. 


उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर तक दिल्ली की सभी सड़कों को बनाने का दावा भी हाथ से फिसलता देख आतिशी ने यह फैसला लिया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कमीशन और भ्रष्टाचार को अंजाम देने की दृष्टि से विधायक निधि बढ़ाने का निर्णय लिया है.


चार साल में 40 करोड़ के बदले मिले सिर्फ 15 करोड़


देवेन्द्र यादव ने कहा कि चुनाव हारने का डर आम आदमी पार्टी को सता रहा है, इसलिए आतिशी बिना सोचे समझे जल्दबाजी में फैसले ले रही हैं. 2020 से अभी तक विधायकों को 15 करोड़ का फंड मिला है, जबकि अभी तक 40 करोड़ रुपये प्रति विधायक को मिलना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सत्ता के आखिरी समय के एक-दो महीने पहले जनता को गुमराह करने के लिए विधायक निधि में बढ़ोत्तरी, लास्ट कनेक्टिविटी के लिए मौहल्ला बसें और गांवों के विकास के लिए नई योजनाओं को लाने के लिए मुख्यमंत्री आतिशी अंजाम दे रही हैं.


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