Delhi Floods: दिल्ली में बाढ़ के कम होते जलस्तर के बीच राजधानी में राजनीति उफान पर है. यहां हाथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी में जंग छिड़ी हुई है और लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इस बीच आप सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) कह रहे हैं कि, हथिनीकुंड बैराज से तीन कैलान निकलते हैं, लेकिन षड्यंत्र के तहत 9-13 जुलाई तक वेस्टर्न कैनाल में पानी नहीं छोड़ा गया. सारा पानी एक साजिश के तहत दिल्ली की तरफ छोड़ा गया और दिल्ली को डुबाने की कोशिश की गई. वहीं बीजेपी नेता ने कहा कि बाढ़ को लेकर कई लोग तरह-तरह के कुतर्क दे रहे हैं, लेकिन मैं उसका जवाब दे दूं कि, पिछले साल अगस्त में इस बार से कहीं ज्यादा चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, लेकिन दिल्ली में बाढ़ की स्थिति नहीं बनी थी.





'क्या सीएम को ये बात नहीं पता थी?'


बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि, आज दिल्ली का आईटीओ, राजघाट, सिविल लाइन सब पानी में डूबा हुआ है. स्कूल, कॉलेज ऑफिस सब बंद पड़े हैं. तीन-तीन वाटर प्लांट बंद है और दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्री सिर्फ आरोप लगा रहे हैं ब्लेम गेम खेल रहे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी की तरफ से जो झूठा वीडियो चलाया जा रहा कि, हाथिनीकुंड में पानी क्यों छोड़ा गया. मैं पूछता हूं कि क्या इन लोगों को नहीं पता था कि, एक लाख क्यूसेक से ऊपर पानी होते ही हाथिनीकुंड में भेजा जाएगा. ये तो लिखित में है कि, एक लाख क्यूसेक से ऊपर होते ही पानी हाथिनीकुंड के अलावा कहीं छोड़ा ही नहीं जा सकता क्योंकि वहां तबाही आ जाएगी. वहीं 10 जुलाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री बयान देते हैं कि, राजधानी में कोई बाढ़ नहीं आएगी.






'नालों-सीवरों की सफाई कब की गई?'


वहीं 12 जुलाई को कह रहे दिल्ली में बाढ़ आ गई और कोई हमारी मदद नहीं कर रहा. तो आपको दो दिन पहले नहीं पता था, जबिक उससे पहले अंबाला में बाढ़ आ चुकी थी और उसके वीडियो सबके सामने थे. वहीं आटीओ बैराज के पांच गेट खुल ही नहीं रहे सेना लगानी पड़ी उसके लिए, तो आप क्या कर रहे थे. कपिल मिश्रा ने आगे कहा कि, 2010 और 1978 में जो बाढ़ आई थी उसमें आठ लाख क्यूसेक पानी था और आज साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी में दिल्ली डूब गई सुप्रीम कोर्ट तक पानी पहुंच गया. सवाल यह है कि, दिल्ली में नालों की सफाई कब की गई थी? इस बार किसी नालों और सीवरों की सफाई नहीं की गई और आप सिर्फ आरोप लगा रहे है. इस तरह की राजनीति करने और लेटर लिखने और वीडियो ट्वीट करने से दिल्ली के हालात नहीं ठीक होंगे. 


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