BJP Attack on Kejriwal Government: दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और इसके मुखिया अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पिछले कुछ महीनों से लगातार विपक्षी पार्टियों को निशाने पर हैं. केजरीवाल के साथ उनके प्रमुख सहयोगी मनीष सिसोदिया  पर लगातार ही घोटाले (Delhi Liquor Policy Scam) और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं. कभी आप के खिलाफ यमुना सफाई के फंड के कागजों में ही खर्च होने का मुद्दा, कभी दिल्ली जल बोर्ड का 20 करोड़ रुपए का घोटाला तो कभी 6 हजार करोड़ रुपए का शराब घोटाले का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और बीजेपी (BJP), केजरीवाल सरकार को भ्रष्टाचार में लिप्त बताती आ रही है. अब सवाल ये उठाया जा रहा है कि दिल्ली सरकार ने शराब नीति रातों-रात वापस क्यों ली?


दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित कर केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 8 सवाल उठाएं हैं. साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार से इन सवालों के जवाब भी मांगे हैं. 


दरअसल, शराब नीति में घोटाला नाम की कोई चीज नहीं है, को लेकर केजरीवाल के बयान पर प्रेस वार्ता में सवाल उठाते हुए बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल से पूछा कि अगर शराब नीति इतनी ही पारदर्शी थी और दिल्ली के राजस्व के लिए बेहतर थी तो उसे वापस क्यों लिया गया? इस दौरान बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल सरकार से इन सवालों का जवाब मांगा.


1. अगर दिल्ली में शराब घोटाला नहीं हुआ तो सीबीआई की जांच शुरु होते ही केजरीवाल सरकार ने शराब नीति रातों-रात वापस क्यों ली?


2. शराब घोटाले में विजय नायर की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें निर्दोष बताकर कहा था की यह गिरफ्तारी गुजरात चुनाव प्रचार बाधित करने के मकसद से की गई है. अगर विजय नायर शराब घोटाले में दोषी नहीं हैं तो उसकी बार-बार कोशिश के बाद भी उन्हें न्यायालय से जमानत क्यों ननहीं मिली?


3. मनीष सिसोदिया यह बताएं कि अरुण पिल्लई, समीर महेंद्रू जैसे अनेक नामों से उनका क्या संबंध है और वह उनसे मोबाइल पर नियमित संपर्क में रहते थे या नही?


4. केजरीवाल सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों एवं रिहायशी क्षेत्रों में शराब के ठेके खोलने की अनुमति क्यों दी? 


5. केजरीवाल बताएं कि आखिर ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को लाइसेंस क्यों दिए गए और  कमिशन को 2 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी क्यों किया गया?


6. नई शराब नीति से दिल्ली सरकार की आय बढने का दावा करने के बावजूद आखिर 3000 करोड़ रुपए का घाटा क्यों हो गया, शराब की बिक्री बढ़ी, लेकिन सरकार के खाते में राजस्व कैसे कम हो गई?
 
7. शराब डीलरों का 30 करोड़ रुपए का सिक्योरिटी डिपोजिट क्यों वापस किया गया और साथ ही शराब के ठेकेदारों को 144 करोड़ रुपए क्यों माफ किए गए? 


8. ईडी ने शराब घोटाले से जुड़े 74 करोड़ रुपए सील किए हैं, तो केजरीवाल बताएं कि अगर कोई घोटाला नहीं हुआ तो उस जब्त संपत्ति के बारे में ईडी से सवाल क्यों नहीं करते हैं?


ठेकेदारों ने 6% कमीशन AAP को दिया


इन सवालों के माध्यम से केजरीवाल सरकार को घेरते हुए वीरेंद्र सचदेवा ने पूछा कि शराब नीति लाने और वापस होने के बीच सिसोदिया ने अपना मोबाइल बार-बार क्यों बदला? वहीं, बिधूड़ी ने कहा कि जिन शराब ठेकेदारों को केजरीवाल ने लाईसेंस फीस 20 प्रतिशत से 12 प्रतिशत कर ठेकेदारों ने सीईआई को बताया कि उनसे 6 प्रतिशत बतौर कमीशन आम आदमी पार्टी (AAP) के फंड में दिलवाया गया. उन्होंने कहा कि जिस शराब नीति को केजरीवाल पारदर्शी और घोटाला रहित बता रहे हैं उसमें 6 हजार का घोटाला हुआ है, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है और जल्दी ही सच्चाई सबके सामने होगी.


केजरीवाल से की नार्को टेस्ट की मांग 


बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा कि अगर कोई शराब घोटाला नहीं हुआ है तो वो अपना नार्को टेस्ट करवाने के लिए तैयार हो जाएं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पहले ही नई शराब नीति के तार तेलंगाना से जुड़ने का दावा किया था. वह सच साबित हुआ. जब तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी और एमएलसी कविता को सीबीआई ने बुलाकर पूछताछ की और अब उनके सीए को गिरफ्तार भी किया है. 


यह भी पढ़ें:  Champa Vishwas Rape Case: एक IAS की पत्नी से 2 साल तक होता रहा रेप, जानें जब तूफान मचा तो क्या हुआ?