Delhi Pollution News: दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व सीएम मदन लाल खुराना के बेटे हरीश खुराना (Harish Khurana) ने आम आदमी पार्टी सरकार (AAP) की प्रदूषण (Delhi Air Pollution) के मसले पर अब तक के रवैये पर पलटवार किया है. उन्होंने दिल्ली सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि पंजाब (Punjab) में हरियाणा (Haryana) से 10 गुना ज्यादा पराली (Stubble) की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन आप सीएम इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलते. यह दिल्ली सरकार के दोहरे मापदंड का पर्याय है.  हरीश खुराना के मुताबिक पंजाब में आप की सरकार है. इसके बावजूद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय पंजाब पराली जलाने की घटनाओं पर रोक नहीं लगवा पा रहे हैं. न ही पंजाब के सीएम भगवंत मान इसके कोई दबाव बनाते देखे गए हैं. 
 
करोड़ों रुपये खर्च के बावजूद स्मॉग टावर बंद क्यों?


बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने अपने बयान में ये भी कहा कि आप सरकार ने पराली को खेतों में गलाने के लिए डी कंपोजर घोल खरीदने पर दो लाख रुपये खर्च किए. जबकि इसके विज्ञापन पर 23 करोड़ रुपये खर्च हुए. इसी तरह स्मॉग टावर को 25 करोड़ रुपये खर्च कर बनाया गया. अब वही स्मॉग टावर बंद पड़ा है. ये तो दिल्ली की सच्चाई है. इसके अलावा, 55 करोड़ ऑड-ईवन लागू करने पर अब तक खर्च हुए, लेकिन इसका नतीजा क्या निकला? क्या दिल्ली वालों को पॉल्यूशन से निजात मिली. अगर नहीं तो फिर दिखाने के कवायद का क्या फायदा. जबकि इसे लागू करने से लोग और ज्यादा परेशान होंगे. 


प्रदूषण में कमी के कोई संकेत नहीं


पिछले कुछ दिनों से देश की राजधानी में पॉल्यूशन का स्तर गंभीर होने की वजह से लोगों का बुरा हाल है. दिल्ली में रहने वाले लोग तरह-तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल सरकार एक बार फिर ऑड और ईवन स्कीम को 13 से 20 नवंबर तक लागू करना चाहती है. इसका आधिकारिक एलान भी कर दिया गया है. बता दें कि दिल्ली में पहली बार ऑड और ईवन स्कीम को साल 2016 में लागू किया गया था. साल 2019 में प्रदूषण की वजह से हालत बिगड़ने पर इसे दोबारा लागू किया गया था. चार साल बाद एक फिर दिल्ली में प्रदूषण की वजह से गंभीर संमस्या उठ खड़ी हुई है. इससे निजात पाने के लिए दिल्ली सरकार ऑड और ईवन लागू करना चाहती है, लेकिन पहले की तरह इस बार भी प्रदूषण में कमी के कोई संकेत नहीं हैं. 


Odd-Even in Delhi: ऑड-ईवन के विरोध में Delhi NCR के 64% लोग, प्रदूषण में कमी की न करें उम्मीद