Delhi News: कैग की रिपोर्ट्स के मामले में हाईकोर्ट में पेश याचिका की सुनवाई के बाद दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता (Vijender Gupta) की प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट पिछले डेढ़ साल से अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार दबा रही थी और संवैधानिक नियमों का उल्लंघन हो रहा था. हम पहले भी कोर्ट में आए थे. खुशी की बात ये है कि इस मामले में हमारी जीत हुई. जो रिपोर्ट्स इतने सालों से दबाई जा रही थी उसे कोर्ट के आदेश के डर से सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष के पास भेज दिया.

 

मंगलवार (24 दिसंबर) को विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि फाइनेंशियल मैनेजमेंट, हेल्थ, एजुकेशन, पाल्यूशन जैसे जो मुद्दे थे, उन सबका हिसाब किताब कैग की इन रिपोर्ट्स में दिया गया है और सरकार इन सभी में अपने भ्रष्टाचार को दबाने की नीयत से जानबूझकर इन्हें दबाकर बैठी हुई थी. पहले भी कोर्ट के डर से सरकार ने ये रिपोर्ट्स उपराज्यपाल को भेजीं और अब फिर से कोर्ट के आदेश के डर से आप सरकार ने अब इन्हें स्पीकर को भेजा है. कोर्ट ने स्पीकर, वित्त मंत्री, मुख्यमंत्री सहित सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 10 दिन के अंदर अपना हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए कहा है. यदि अब भी सरकार इन्हें सदन पटल पर नहीं रखेगी तो कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई में अपना फैसला दे सकता है.

 

'आप सरकार ने सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया'

 

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सवाल तो यह है कि ये रिपोर्ट्स सदन के पटल पर आनी चाहिए और सदन के पटल पर सरकार इसलिए नहीं लाना चाहती कि कहीं इन रिपोर्ट्स में दबे उनके भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का कच्चा चिट्ठा जनता के सामने ना आ जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार ने और सत्ता में बैठे चंद लोगों ने सरकारी संसाधनों का जमकर दुरुपयोग किया और सरकारी खजाने को लूटा. लेकिन बीजेपी विधायकों ने अपने संघर्ष से सरकार को विवश कर दिया और इसके चलते ही रिपोर्ट स्पीकर तक पहुंच सकी है.

 

'पारदर्शिता की बात करने वाले छुपा रहे थे रिपोर्ट'

 

उन्होंने कहा कि ये कितने शर्म की बात है कि जो लोग एक ट्रांसपैरेंट सरकार की बात करते थे, पारदर्शिता के नाम पर अपने आपको कट्टर ईमानदार कहते थे, करप्शन फ्री सरकार देने का वादा करते थे. वहीं आज अपने कारनामों को छुपाने के लिए कैग की इन रिपोर्ट्स को छुपाने पर आमादा हैं. उन्हें डर है कि कहीं हमारी करतूतें जनता के सामने ना आ जाएं और इसलिये ये सरकार जानबूझकर ओछी हरकतें कर रही है. लेकिन हमारे संघर्ष की जीत हुई. 

 

रिपोर्ट सदन में नहीं रखी तो फिर कोर्ट जाएगी बीजेपी 

 

गुप्ता ने कहा कि अगर अब भी सरकार अगले 10 दिन में इन रिपोर्ट्स को सदन में नहीं रखती है तो हम कोर्ट से अगली सुनवाई में जो कि 8 जनवरी को होनी है, उसमें आदेश देने की मांग करेंगे. लेकिन एक बात स्पष्ट है कि कोर्ट के डर से सरकार द्वारा स्पीकर को ये रिपोर्ट्स देने से आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार पर मुहर लग गई. चाहे वो 'शीशमहल' से जुड़ा भ्रष्टाचार हो या फिर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में करप्शन का का मामला, या फिर झूठे एजुकेशन मॉडल के नाम पर कराड़ों रुपयों की बंदरबाट का मुद्दा, सभी में सरकार का भ्रष्टाचार साफ नजर आने लगा है.