डीटीसी मार्शल के मुद्दे पर सियासत तेज, CM आतिशी से मिलकर BJP विधायक करेंगे बहाली की मांग
Delhi News: नौकरी से निकाले गये डीटीसी के मार्शल बहाली की लगातार मांग कर रहे हैं. नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कैबिनेट मंजूरी दे, एलजी से अप्रूवल हम दिलायेंगे.
Delhi Politics: दिल्ली में डीटीसी के मार्शल की सेवा बहाली पर जमकर सियासत हो रही है. बीजेपी के विधायक शनिवार को मुख्यमंत्री आतिशी से मिलेंगे. नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने जानकारी दी है.
उन्होंने कहा कि डीटीसी बस में मार्शल की बहाली के अलावा मुख्यमंत्री से अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की जायेगी. उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार पर जमकर निशाना साधा. बता दें कि नौकरी से निकाले गये डीटीसी के मार्शल बहाली की लगातार मांग कर रहे हैं. अब चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी और आम आदमी पार्टी में श्रेय लेने की होड़ मच गयी है.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मार्शल को नौकरी पर बहाल करने की मंजूरी कैबिनेट दे, एलजी से मंजूरी हम दिलवायेंगे. गुरुवार को मार्शल की नौकरी बहाली का मुद्दा उठाने आम आदमी पार्टी के विधायक एलजी से मिलने पहुंचे थे. बीजेपी की तरफ से भी लगातार बयान आ रहे हैं. विजेंद्र गुप्ता ने डीटीसी के मार्शल की बहाली पर आम आदमी पार्टी को घेरा. उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को विधानसभा में बीजेपी ने प्रस्ताव पेश किया था. प्रस्ताव में कहा गया कि सदन संकल्प करता है कि डीटीसी की बसों में तैनात मार्शलों को परमानेंट किया जाना चाहिए.
बीजेपी के विधायक मुख्यमंत्री आतिशी से करेंगे मुलाकात
बीजेपी के प्रस्ताव का समर्थन सत्ताधारी दल आप ने भी किया. प्रस्ताव पास होने के बाद कैबिनेट नोट नहीं बनाया गया और ना ही कैबिनेट की बैठक बुलायी गयी. अब बीजेपी सरकार से मांग करती है कि कैबिनेट की बैठक बुलाकर मार्शलों की नौकरी बहाली को मंजूरी दे. एलजी से अप्रूव करवाने की जिम्मेदारी हम लोगों की होगी.
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि बीजेपी विधायकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आतिशी से शनिवार को मुलाकात करेगा. जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री के चरण भी छुयेंगे. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सड़कों पर नाटक कर भ्रमित कर रही है. दिल्ली सरकार ने पहले नौकरी से हटाया और अब मार्शलों का मजाक उड़ाया जा रहा है. विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि मार्शलों की सैलरी 7 महीने से रुकी हुई है.
ये भी पढ़ें-
अरविंद केजरीवाल का सवाल, केंद्र सरकार ज्यादा अग्निवीरों को परमानेंट क्यों नहीं करती?