बीजेपी सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) के एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम (Supreme Court) कोर्ट का रुख किया. बीजेपी सांसद ने दिल्ली सरकार के बढ़ते प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए सभी प्रकार के पटाखों (Firecrackers) की बिक्री और उपयोग के प्रतिबंध के खिलाफ कोर्ट का रुख किया. दिल्ली सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी सांसद ने कहा कि जीवन के अधिकार के बहाने धर्म की स्वतंत्रता को नहीं छीना जा सकता. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से पटाखों की बिक्री, खरीद और फोड़ने के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की.


बीजेपी सांसद ने अपने वकली अश्विनी कुमार दुबे की तरफ से दायर एक याचिका में कहा कि आगमी त्योहारी सीजन के दौरान पटाखों की बिक्री और उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने जैसी कोई कार्रवाई नहीं हो. बता दें कि पिछले साल ही कोर्ट ने साफ कहा था कि पटाखों के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा लेकिन जिनमें बेरियम होता है उन पटाखों पर रोक रहेगी. इसके साथ ही कोर्ट ने अधिकारियों को भी चेतावनी दी थी कि उन्हें भी इस दौरान की गई चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा.


कोर्ट में बीजेपी सांसद ने दायर याचिका में कहा कि कई राज्य सरकारों ने साल 2021 में कोर्ट के विपरीत आदेश पारित किए और पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया. कोर्ट के आदेशों के बाद भी लोगों के लिए यह समझना मुश्किल था कि पटाखों की अनुमित दी गई थी या नहीं. वकील शशांक शेखर झा द्वारा कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि जीवन के अधिकार के नाम पर, धर्म की स्वतंत्रता को नहीं छीना जा सकता है.  इसके साथ ही याचिका में आरोप लगाया गया कि कोर्ट साफ आदेशों के बाद भी कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने दीपावली मनाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए. 


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