Delhi Shelter Home News: दिल्ली के रोहिणी में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित आशा किरण होम में बीते 20 दिनों में 13 बच्चों की रहस्यमयी तरीके से मौत होने के बाद दिल्ली में सियासी घमासान चरम पर है. इस मसले को लेकर बीजेप ओर कांग्रेस की ओर से दिल्ली सरकार को घेरने की कोशिश कल से जारी है. दोनों पार्टियों ने इस हादसे के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार की लचर नीति को जिम्मेदार माना है. 


बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदौलिया ने कहा कि दिल्ली सरकार आशा किरण होम में रह रहे मानसिक विकलांग बच्चों की मौत पर कुछ भी कहने से बच रही है. दिल्ली सरकार के इस संस्थान का नाम आशा किरण होम है. इसका काम अपने नाम के बिल्कुल विपरीत है. 


बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि जब वे इस होम में गए तो पाया कि 400 बच्चों की क्षमता वाले इस होम में 1200 बच्चों को रखा गया है. आशा किरण में रहने वाले बच्चों की स्थिति काफी दयनीय है. वहीं, उनकी देखभाल करने वाली आया ने बताया कि पांच महीनों से उन्हें तनख्वाह नहीं मिली है. यहां बच्चों के लिए टैंकर का पानी सप्लाई किया जाता है, जो बीमार और कमजोर बच्चों के लिए काफी हानिकारक है. शुरुआती जांच में बच्चों की मौत डायरिया से होने की बात सामने आई है. 


चंदौलिया ने इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड समेत कई लोगों को आरोपी करार देते हुए जांच की मांग की है. उन्होंने आशा किरण होम में एम्बुलेंस न होने, डोरमेट्री में वेंटिलेशन के व्यवस्था के भाव, सफाई न होना आदि जैसे मुद्दों को उठाते हुए कहा कि इस होम की स्थित ऐसी है कि वहां अच्छा इंसान भी बीमार पड़ जाए. 


दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आशा किरण होम में 13 बच्चों की मौत को दिल्ली सरकार द्वारा जानबूझकर नजरअंदाज करने और उस पर राजनीति करने का आरोप लगाया.


'बच्चों की मौत के लिए असफर जिम्मेदार'


हालांकि, इस मामले के सामने आते ही दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मैजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दे दिए हैं, जिसकी शुरुआती रिपोर्ट के लिए उन्होंने 24 घंटे का वक्त दिया है. उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट में अगर किसी भी अफसर, डॉक्टर या फिर अन्य किसी की भी लापरवाही सामने आई तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. 


उन्होंने कहा कि मृत बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, जिससे उनकी मृत्यु के कारण का पता चल सके. वहीं, जांच की रिपोर्ट भी 24 घंटो के भीतर देने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें अगर किसी भी अधिकारी या अन्य की लापरवाही, या टाली जा सकने वाली स्थित, या फिर अन्य चिकित्सीय कारणों से बच्चों की मौत का पता चलता है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त करवाई दिल्ली सरकार की तरफ से की जाएगी. 


देवेंद्र यादव ने की जांच की मांग 


दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की रहस्यमयी मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार काम ही नहीं कर रही है. इन मौतों पर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. यादव ने 20 दिनों में मानसिक रूप से दिव्यांग 13 बच्चों की मौत की सीधी जिम्मेदार सरकार को माना है. उन्होंने कहा कि बच्चों का रहस्यमयी तरीके से बेहोश मिलना और  उनकी हालत के बारे में किसी को कुछ मालूम न होना, प्रशासन के रवैया पर सवालिया है.


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