'जनता को बरगलाएं नहीं केजरीवाल', बीजेपी ने पूछा- 4500 करोड़ की योजनाओं का एलान से पहले क्यों नहीं ली मंजूरी?
Delhi politics: दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि सीएम अरविंद केजरीवाल काम करने के बदले सुर्खियों में बने रहने के लिए हमेशा से ऐसा करते आए हैं.
Delhi politics News: दिल्ली में अलग-अलग विकास योजनाओं को लेकर सत्ताधारी पार्टी (AAP) और विपक्षी पार्टी बीजेपी (BJP) के बीच गतिरोध जारी है. दो दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने 4500 करोड़ रुपए वाली सड़क सुधार योजना का ऐलान किया था, लेकिन ये क्या, दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (BJP President Virendra Sachdeva) ने उनके इस एलान को सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर करार दिया है. उन्होंने सीएम केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि वो दिल्ली (Delhi politics) की जनता को बरगलाएं (don't eyewash public) नहीं, नियमानुसार काम करें.
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (BJP President Virendra Sachdeva) ने सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछा है कि अगले एक वर्ष में 4500 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली की सड़कों के सुधार की घोषणा करने से पहले आपने इसे अपनी कैबिनेट से पास क्यों नहीं कराया. क्या मुख्यमंत्री सफाई से यह बताना भूल गए कि दिल्ली में सिर्फ कैबिनेट स्वीकृति से कोई भी योजना क्लियर नहीं होती है. दिल्ली में किसी भी योजना पर अमल के लिए वित्त विभाग एवं उपराज्यपाल की स्वीकृति भी लेनी होती है. सीएम ने ये दावा कैसे कर दिया कि 4500 करोड़ रुपए के काम का टेंडर 10 से 15 दिन में जारी कर देंगे. इतना बड़ा कोई टेंडर इतने कम समय में कैसे जारी हो सकता है. इन सभी पहलुओं को दरकिनार करते हुए सीएम ने 1 अप्रैल से काम शुरू कराने की घोषणा कर दी है.
भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के काम करने का यह तरीका एक नये विवाद को जन्म देने के लिए की गई है. वीरेंद्र सचदेवा (BJP President Virendra Sachdeva) ने कहा है की बीजेपी लगातार कहती रही है कि अरविंद केजरीवाल सरकार बिना प्रशासनिक एवं आर्थिक स्वीकृति के घोषणाएं कर देती है. जब उसमें बाधाएं आती हैं तो वह केंद्र सरकार और उपराज्यपाल पर अनर्गल आरोप लगाती है. सीएम केजरीवाल ने बिना किसी प्रशासनिक या आर्थिक स्वीकृति के घोषणा की कि हमने यह सुधार योजना बनाई है और एक साल में सड़कों के सुधार के लिए 4500 करोड़ रूपए के कार्य करवा देंगे. यह सब एक सीएम की कपोल कल्पना है. साफ है की मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा बिना प्रशासनिक आर्थिक स्वीकृति के लाई गई सड़क सुधार की 4500 करोड़ रूपए की यह योजना केवल अपनी सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास है.
सुर्खियों में बने रहने के लिए जनहित से न करें खिलवाड़
वीरेंद्र सचदेवा ने आशंका जाहिर की है कि आने वाले दिनों में जब इस योजना की फाइल चलेगी और उस पर किसी भी प्रकार की प्रशासनिक या आर्थिक आपत्ति उठेगी तो केजरीवाल फिर अधिकारियों एवं उपराज्यपाल पर योजना रोकने का आरोप लगा कर मामले को खुद विवादित बनाने का प्रयास करेंगे. हकीकत यह है कि केरजीवाल दिल्ली की जनता के लिए काम करने के बदले, लाइमलाइट में रहने के लिए ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने सीएम से अपील की है कि वो जनहित के कीमत पर ऐसा न करें.
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