BJP Protest against Liquor Scam Of Delhi: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से शराब घोटाले का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. दरअसल, ईडी की चार्जशीट में पहली बार शराब घोटाले के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आरोपी बनाया गया है. इसके बाद से ही बीजेपी काफी आक्रामक तरीके से आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार कर ली है. इस कड़ी में शनिवार को आप के कार्यालय के बाहर बीजेपी ने जबरदस्त विरोध-प्रदार्शन करते हुए केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की.
नई शराब नीति का बीजेपी ने किया था विरोध
शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल का नाम सामने आने पर नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी ने ABP लाईव से बात करते हुए बताया कि जब अरविंद केजरीवाल नई शराब नीति लेकर आए थे, तब मैंने विधानसभा में कहा था कि इस शराब नीति में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. यह शराब नीति दिल्ली के युवाओं को बर्बाद कर देगी. दिल्ली शराब की नगरी बन जाएगी, इसको आप वापस ले लीजिए, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने हमारी सलाह को मानने से मना कर दिया था.
रिहायशी इलाकों में भी खोले थे ठेके
दरअसल, नई शराब नीति में शराब के ठेकेदारों का कमीशन 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया था. इसके साथ ही रिहायशी क्षेत्रों में जहां कानून के मुताबिक शराब के ठेके नहीं खुल सकते थे, वहां भी 3 से 6 शराब के ठेके खुलवाने का फैसला अरविंद केजरीवाल की सरकार ने लिया था, जिसका बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया था. इसके बाद धीरे-धीरे शराब के ठेके बंद होने शुरू हुए और अरविंद केजरीवाल को नई शराब नीति भी वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.
'आप के नेताओं ने किया 6 हजार करोड़ का घोटाला'
बीजेपी शुरू से ही इस शराब नीति में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाती रही है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि अब इसकी जांच पड़ताल से यह स्पष्ट हो गया है कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 3000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. वहीं, करीब 6000 करोड़ रुपए का घोटाला आम आदमी पार्टी के नेताओं ने किया. बीजेपी नेताओं ने कहा कि शराब के ठेकेदारों और इस घालमेल में शामिल अधिकारियों की ओर से भी अब कहा जा रहा है कि उन्होंने सैकड़ों करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी के नेताओं को दिए थे.
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