Delhi Politics: अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी का हमला! हरीश खुराना बोले- 'पहले आपने RTI का गला घोंटा, अब विधानसभा में भी...'
Delhi RTI News: केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने उपराल्यपाल विनय कुमार सक्सेना को लिखे एक पत्र में कहा कि दिल्ली सरकार आरटीआई एक्ट को सही तरीके में लागू करने में विफल रही है.
Delhi News: केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर द्वारा दिल्ली सरकार पर आरटीआई (RTI) एक्ट को सही तरीके में लागू करने में नाकाम रहने का आरोप लगाने के बाद दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के एक प्रवक्ता ने आप सरकार पर हमला बोल दिया है. दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना (Harish Khurana) ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) आप तो भारतीय जनतंत्र को कमजोर करने की बात करो ही मत. आपने दिल्ली सरकार को क्या से क्या बना दिया है, सबको पता है. पहले आरटीआई का गला घोटा, अब विधानसभा में जवाब नहीं देते और बात करते हो लोकतंत्र, जनतंत्र और पारदर्शिता की. गजब है.
बता दें कि केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को लिखे एक पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार आरटीआई एक्ट को प्रभावी तरीके में लागू करने में नाकाम रही है. आप सरकार के अलग-अलग विभागों के अधिकारी सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारियां देने से इनकार कर देते हैं या अधूरी और भ्रामक जानकारियां दे रहे हैं. उन्होंने सीआईसी ने दिल्ली के एलजी से इस मामले में दखल देने की भी अपील की है. सीआईसी की अपील पर एलजी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले में प्रभावी उपाय करें.
सरकारी विभागों के कामकाज पर उठाए सवल
वहीं, राजनिवास सूत्रों की मानें तों केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर (Central Information Commissioner Uday Mahurkar) ने अपने पत्र में लोक निर्माण विभाग, राजस्व, स्वास्थ्य और बिजली जैसे दिल्ली सरकार के विभागों के साथ-साथ सहकारी समितियों, डीएसआईआईडीसी, डीएसएसएसबी जैसी सरकारी संस्थाओं के रवैये पर भी सवाल उठाए हैं. इन विभागों के अधिकारियों ने आरटीआई कानून का मजाक बनाकर रख दिया है. अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए लगाई जाने वाली आरटीआई का जवाब तक नहीं दिया जाता. अगर देते भी हैं तो अधूरी और भ्रामक जानकारी देकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जाती है. सीआईसी की मानें तो राजस्व विभाग के अधिकारी 60 फीसदी मामलों में सुनवाई के दौरान पीआईओ के सामने पेश नहीं हुए. जिन प्राइवेट अस्पतालों में सरकार से सस्ती दरों पर जमीनें लेने के बाद भी गरीब तबके के लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं दी जा रहीं हैं. जबकि इन अस्पतालों पर करीब 1500 करोड़ रुपये बकाया हैं.
सीआईसी न करे राजनीति
सीआईसी के सभी आरोपों को दिल्ली सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है. दिल्ली सरकार की ओर से इस बाबत कहा गया है कि सीआईसी ने बीजेपी के इशारे पर एलजी वीके सक्सेना को चिट्ठी लिखी है. इस बाबत दिल्ली सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि यह देखना बहुत कष्टकारी है कि सीआईसी जैसी संस्था भी राजनीति करने लगी हैं.
यह भी पढ़ें: Parliament Monsoon Session: प्रधानमंत्री के मणिपुर वाले बयान पर कपिल सिब्बल ने किया पलटवार, जानें क्या कहा?