Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: साल 2025 की शुरूआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश इकाई ने तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने मंगलवार (27 अगस्त) को संतोष ओझा को पूर्वांचल मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त किया.  बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा की ओर से जारी संतोष ओझा के नियुक्ति पत्र के अनुसार, उन्हें तत्काल प्रभाव से पूर्वांचल मोर्चा का नया अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं नीरज तिवारी को दिल्ली बीजेपी मीडिया विभाग का प्रवक्ता नियुक्त किया गया. उनका नियुक्ति पत्र वीरेंद्र सचदेवा ने जारी किया.


दिल्ली में कब होंगे चुनाव?
बता दें दिल्ली में समय से पहले ही विधानसभा का बिगुल बज सकता है. इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने भी तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली में फरवरी 2025 से पहले विधानसभा का गठन होना है. वहीं इसके चलते ही चुनाव जनवरी महीने के अंत या फिर फरवरी के महीने में होने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन सूत्रों की मानें तो दिल्ली में चुनाव नवंबर-दिसंबर के महीने में हो सकते हैं. 


वहीं इसको देखते हुए वोटर लिस्ट के रिवीजन का काम भी अगले महीने यानी सितंबर से शुरू किया जा सकता है. दिल्ली में पिछला विधानसभा चुनाव 8 फरवरी 2019 में हुआ था और मतगणना 11 फरवरी को हुई थी. फिलहाल कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार चुनाव समय से पहले हो सकते है.


दरअसल, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के पत्र ने इन कयासों को काफी बढ़ा दिया है. वहीं इस पत्र में सभी विभाग के प्रमुखों से मैनपावर की स्थिति मांगी गई है. यह जानकारी अधिकारियों के ग्रेड के हिसाब से मांगी गई है. इसकी मदद से चुनाव ड्यूटी को तय किया जा सकेगा.


राजनीतिक दलों ने तेज की तैयारी
बता दें इन कयासों के बीच राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने समय से पहले चुनाव होने के अंदेशा को देखते हुए चुनाव प्रचार शुरू कर दिया. आम आदमी पार्टी के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लगातार पदयात्रा कर रहे हैं और पार्टी ने बूथ मैपिंग भी शुरू कर दी है. 


दूसरी तरफ आप के पांच पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इससे पहले भी एक मंत्री और एक विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. वहीं बीजेपी ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी है. पार्टी में फेरबदल के साथ संगठन को मजबूत करने का हर संभव प्रयास पार्टी कर रही है. वहीं लोकसभा चुनाव में एक साथ लड़ने के बाद कांग्रेस ने दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है और विधानसभा चुनाव को देखते हुए अपने संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया है.



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