बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में 80 हजार नई वृद्धावस्था पेंशन की घोषणा दिल्ली बीजेपी के संघर्ष और राजनीतिक दबाव का परिणाम है. उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बीते दस साल में आम आदमी पार्टी सरकार ने कोई नई पेंशन जारी करना तो दूर, जो पेंशन मिलती भी रही हैं उनमें भी बुजुर्ग पेंशन धारकों को महीनों इंतजार करना पड़ता है.


घोषणा को बताया राजनीतिक छलावा


सचदेवा ने कहा है कि यदि नई पेंशन नियमित रुप से मिलनी है तो यह घोषणा एक प्रशासनिक निर्णय है और यह घोषणा मुख्यमंत्री अथवा समाज कल्याण मंत्री को करनी चाहिए थी, लेकिन यह घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा करना साफ दिखाता है कि यह एक राजनीतिक छलावा है जो चुनाव के बाद लटक भी सकती है.


झूठे दावे का आरोप


वीरेन्द्र सचदेवा ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल ने नई पेंशन घोषणा करते हुए यह झूठा दावा किया है कि 60 से 69 वर्ष वाले बुजुर्ग लोगों को 2000 रुपये प्रति माह की पेंशन और 70 से बड़ों को 2500 की पेंशन देश में सर्वाधिक पेंशन है, जबकि सच बात यह है कि सर्वाधिक वृद्ध अवस्था पेंशन 2750 प्रति माह हरियाणा की बीजेपी की सरकार दे रही है.


'घोषणा के बाद भी लाभ नहीं पहुंचा'


सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली में दस लाख से भी अधिक पेंशन की आवश्यकता रखने वाले बुजुर्ग हैं और ऐसे में सरकार की 80 हजार नई पेंशन की घोषणा के बाद भी आधे बुजुर्गों तक लाभ नहीं पहुंचा है. जो यह साफ दर्शाता है कि नई पेंशन घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा है. उन्होंने आगे कहा कि, फरवरी 2025 में अगर बीजेपी सत्ता में आएगी तो सभी 100% बुजुर्गों को वृद्ध अवस्था पेंशन मिलेगी और वो भी ऑन डिमांड मिलेगी.


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