Delhi News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पहुंचकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. सीएम ने कहा कि पिछले पिछले 15 साल से दिल्ली MCD में बैठी बीजेपी ने पूरी दिल्ली में हर जगह कूड़ा फैला रखा है, आज इनका असर गाजीपुर लैंडफिल साइट वाला कूड़े का पहाड़ के रूप में दिख रहा है. इसके साथ ही सीएम केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी वालों को अपना काम दिखाने में शर्म आती है. बीजेपी वालों ने 15 सालों में दिल्ली में एक काम नहीं किया है.
इसके अलावा सीएम ने कहा दिल्ली में बीजेपी के बड़े-बड़े मंत्री दिल्ली आते हैं और केजरीवाल को गाली देकर चले जाते हैं. सीएम ने कहा दिल्ली के बुजुर्गों और माता बहनों से पूछना चाहता हूं, मैं श्रवण कुमार बनकर आप सभी को तीर्थ यात्रा करवाया. इस गाली का बदला दिल्ली के बुजुर्ग और जनता लेगी. दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस बार का चुनाव दिल्ली की सफाई पर होगा. सीएम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी वालों ने अब नया प्लान बनाया है अब यह 16 कुड़े के और पहाड़ बनाने जा रहे हैं.
दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर गुरुवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जाने का एलान किया था. सीएम केजरीवाल के जाने से पहले दिल्ली बीजेपी के कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने "केजरीवाल वापस जाओ", "केजरीवाल हाय-हाय" के नारे लगा रहे हैं. दरअसल, दिल्ली में MCD के चुनाव की सुगबुगाहट के बीच दिल्ली की सियासत गर्म होती जा रही है. बीजेपी और आप एक दूसरे पर हमलावर हैं.
दिल्ली बीजेपी कार्यकर्ता गाजीपुर में दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे थे. जिसके तुरंत बाद आप कार्यकर्ता वहां पहुंचे और उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे. बीजेपी और AAP कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की. पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद हैं.
सीएम ने किया ट्वीट
दरअसल, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आज सुबह ट्विटर पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि "इनके एक नेता से मैंने पूछा - 15 साल में नगर निगम में क्या काम किया? शर्माते हुए उसने दो काम बताये -
1. तीन बड़े बड़े कूड़े के पहाड़ बनाये
2. पूरी दिल्ली को कूड़ा कूड़ा कर दिया
कल सुबह इनका ग़ाज़ीपुर वाला कूड़े का पहाड़ देखने जाऊँगा. आप भी आइएगा.
बन चुका है कचरे का पहाड़
बता दें कि गाजीपुर लैंडफिल साइट इस समय कचरे के पहाड़ के रूप में दिखाई दे रही है. इस कचरे से निपटने के लिए कई योजनाएं बनाई गई, लेकिन कोई भी योजना प्रभावी रूप से काम नहीं किया. इस योजना में ताजे कचरे के निपटान के लिए यहां छह महीने से बंद पड़े वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को जून में दोबारा शुरू किया गया, लेकिन इससे भी कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है और लैंडफिल साइट वैसा ही बना हुआ है. इस लैंडफिल साइट से आस पास के रह रहे लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है और लोगों के लिए बीमारी को दावत दे रही है.