वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार यानी एक फरवरी को आम बजट 2022-23 की घोषणा कर दी. कोरोना काल में दूसरी बार यूनियन बजट डिजिटल माध्यम से पेश किया गया. और बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देते हुए 'पीएम ई-विद्या' योजना की घोषणा की. वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी के चलते स्कूल कॉलेज और अन्य सभी शैक्षिक संस्थान लंबे समय तक बंद रहे, जिसका असर हर एक वर्ग के छात्र की शिक्षा पर पड़ा है. खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समेत अन्य कमजोर वर्ग के छात्रों की पढ़ाई करीब दो साल से महामारी के चलते प्रभावित हुई है.


200 टीवी के जरिए मिलेगी शिक्षा
उन्होंने कहा कि ज्यादातर सरकारी स्कूलों के बच्चों की शिक्षा महामारी के चलते प्रभावित हुई है, ऐसे में मौजूदा समय को देखते हुए शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए पीएम ई-विद्या योजना लागू की जा रही है. जिसके अंतर्गत वन क्लास वन टीवी चैनल कार्यक्रम में 12 से बढ़ाकर 200 टीवी चैनलों के माध्यम से छात्रों को शिक्षा देने का काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि भले ही हर एक क्षेत्र में छात्र इंटरनेट तक नहीं पहुंच पाते, लेकिन टीवी लगभग सभी क्षेत्रों में मौजूद है. लगभग सभी घरों में टीवी होता है, अपनी अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में लोग टीवी देखते हैं ऐसे में टीवी चैनल के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान की जाएगी.


शुरू होंगे क्रिएटिविटी कोर्स
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2022-23 में छात्रों के कौशल को बढ़ावा देने के लिए वोकेशनल कोर्सेज और क्रिएटिविटी कोर्स शुरू किए जाएंगे, विज्ञान और गणित भाषा में 750 वर्चुअल लैब और 75 कौशल ई-प्रयोगशालाएं शुरू की जाएंगी. डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देते हुए शिक्षक डिजिटल मोड से उपलब्ध होंगे और इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी रेडियो के माध्यम से छात्रों को उनकी क्षेत्रीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली ई शिक्षा सामग्री उपलब्ध होगी, यानी कि हर एक क्षेत्र में छात्रों को अपनी क्षेत्रीय भाषा में डिजिटल शिक्षा मिल सकेगी.


डिजिटल यूनिवर्सिटी की की जाएगी स्थापना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 की घोषणा करते हुए बताया कि डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी, यानी कि अब यूनिवर्सिटी हर एक छात्र के दरवाजे पर होगी छात्र व्यक्तिगत रूप से डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सकेगा. उन्होंने बताया कि डिजिटल यूनिवर्सिटी के जरिए छात्रों को कोरोना काल में उनके घर पर ही शिक्षा मिलेगी, जिसमें विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा प्रदान की जाएगी, डिजिटल यूनिवर्सिटी में सभी भारतीय भाषाओं और आईसीटी फॉर्मेट में शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी और इस डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से छात्र देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डिजिटल माध्यम से जुड़ सकेंगे.


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