Delhi News: दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना (Atishi) ने शुक्रवार (19 जुलाई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इसमें उन्होंने कहा कि 23 जुलाई को केन्द्र सरकार का बजट आने वाला है. सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों के टैक्स के पैसे से जो पैसा केन्द्र को मिला है, उसे लोगों के विकास में खर्च किया जाए. दिल्ली के लोग भी टैक्स भरते है और उनकी भी उम्मीद है कि उनके टैक्स के पैसे से दिल्ली का विकास हो.
आतिशी ने कहा कि "पिछले साल 35 हजार करोड़ दिल्ली के लोगों ने टैक्स दिया था. इस टैक्स को दिल्ली सरकार ने लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली, पानी की सेवाओं को बेहतर करने में खर्च किया था. दिल्ली के लोगों ने केन्द्र सरकार को भी टैक्स दिया है. दिल्ली के लोगों ने 2.70 लाख करोड़ टैक्स के तौर पर केन्द्र सरकार को दिया है. इसके अलावा जीएसटी के तौर पर भी जो टैक्स दिया जाता है, वो भी केन्द्र सरकार को दिया गया."
आतिशी ने की ये मांग
आतिशी ने पूछा कि "यह पैसा जो केन्द्र को गया है, उसमें से कितना पैसा दिल्ली को केन्द्र से मिला? सच ये है कि दिल्ली को इस पैसे में से कुछ भी केन्द्र ने नहीं दिया. एक रुपया भी दिल्ली के बजट में नहीं दिया गया. दिल्ली के लोगों के साथ ये सौतेला व्यवहार क्यों? दिल्ली वालों को उनका हक मिलना चाहिए. हम पूरा पैसा नहीं मांग रहे है, लेकिन इसका कुछ हिस्सा दिल्ली को मिलना चाहिए, ताकि दिल्ली का बेहतर विकास हो सके, लोगों को सुविधाएं मिल सके."
आतिशी ने कहा कि "2001 से 325 करोड़ रुपये दिल्ली को बजट में मिलते आ रहे हैं, लेकिन इतने सालों से एक रुपया नहीं बढ़ाया गया. पिछले साल से तो इसमें से भी एक रुपया दिल्ली को नहीं दिया जा रहा है. हमें दिल्ली के टैक्स का 5% भी मिल जाए तो वो काफी है."
आतिशी ने आगे कहा कि "जैसा दिल्ली के साथ हो रहा है, वैसा दुनिया में कहीं और होता होगा? क्या अमेरिका की सरकार न्यू यार्क से पैसा लेती होगी और बदले में एक पैसा भी नहीं देती होगी? जापान की सरकार टोक्यो और ब्रिटेन की सरकार लंदन के साथ ऐसा करती होगी? मुझे नहीं लगता कि ऐसा होता होगा. आज केंद्र सरकार भी दिल्ली के साथ भी सौतेला व्यवहार कर रही है. वह दिल्ली वालों से पैसा ले रही है, लेकिन उनपर एक पैसा भी खर्च नहीं कर रही है."