Delhi: दिल्ली के बुराड़ी अस्पताल में कथित यौन उत्पीड़न का मामला बढ़ता ही जा रहा है. अब इसको लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार और मुख्य सचिव के बीच विवाद सामने आया है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि शनिवार को डाक राइडर को तत्काल यूओ नोट के साथ मुख्य सचिव नरेश कुमार के आवास पर भेजा गया था. हालांकि, नरेश कुमार के आवास पर कर्मचारियों ने यह कहते हुए यूओ नोट स्वीकार नहीं किया कि उन्हें कोई भी नोट स्वीकार नहीं करने का निर्देश है. उसके बाद, नोट को ई-मेल आईडी के जरिए मुख्य सचिव को भेजा गया और रविवार की सुबह मुख्य सचिव नरेश कुमार के आवास पर भी नोट को फिजिकल रूप से पहुंचाया गया.
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जीएनसीटीडी एक्ट में हालिया संशोधन के बाद निर्वाचित दिल्ली सरकार का अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. अधिकारी सिर्फ एलजी के प्रति जवाबदेह हैं. जब भी कोई अप्रिय घटना होती है तो चुनी हुई सरकार से सवाल पूछे जाते हैं, हालांकि अधिकारी पर सारा नियंत्रण एलजी का होता है. इस पर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के दफ्तर की तरफ से भी जवाब सामने आया है.
चीफ सेक्रेटरी ने पेश किया एक्शन टेकन रिपोर्ट
मुख्य सचिव ने बुराड़ी अस्पताल में कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज से प्राप्त नोट पर एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश किया. चीफ सेक्रेटरी के मुताबिक 24 दिसंबर, रविवार को स्वास्थ्य मंत्री की ओर से उठाए गए हर मुद्दे का जवाब इस रिपोर्ट में दिया गया है. मुख्य सचिव की ओर से आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से मंत्री के नोट को 6 घंटे की समय सीमा के साथ ट्वीट करने पर आश्चर्य व्यक्त किया गया है, जिसे ट्वीट करने के ठीक 6 घंटे बाद ईमेल पर भेजा गया. चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री की ओर से भेजा गया नोट 25 दिसंबर को सुबह 10:10 बजे फिजकली रिसीव हुआ है.
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